मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारी पड़ सकता है भारत से विवाद, अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी

भारतीय सैलानियों ने जिस तरह से मालदीव की बुकिंग कैंसिल करानी शुरु की है उससे मालदीव के टूरिज़्म सेक्टर की चिंता बढ़ गयी है.

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नई दिल्ली:

अपने ही कुछ मंत्रियों के बयानों की वजह से छोटे से देश मालदीव में बड़ा राजनीतिक घमासान मचा है. भारत के प्रधानमंत्री पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले अपने तीन उप मंत्रियों को मालदीव (Maldives) सरकार ने निलंबित तो कर दिया लेकिन ये तूफ़ान अभी थमने का नाम नहीं ले रहा. भारत ने अपनी तरफ़ से नाराज़गी जतायी है, मालदीव से उच्चायुक्त को तलब कर भारत की तरफ से आपत्ति जतायी गई. और अब मालदीव के भीतर ही मुइज्जू सरकार घिर गई है.

राष्ट्रपति मुइज्जू को हटाने की मांग

संसद में विपक्षी दल के नेता अली अज़ीम ने राष्ट्रपति मुइज्जू (President Muizzu) को हटाने की मांग कर दी है. इसके लिए उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने की सिफ़ारिश की है. मुइज्जू पर ये आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने जब ये पूरा विवाद चल रहा था तब समय से हस्तक्षेप नहीं किया, कार्रवाई नहीं की जिससे भारत के साथ संबंध बिगड़े हैं. मुइज्जू फिलहाल चीन की यात्रा पर हैं.

मालदीव में अब तक जो भी राष्ट्रपति चुना जाता रहा है वो सबसे पहले भारत का दौरा करता रहा है. ये कोई नियम नहीं बल्कि परंपरा रही है. मुइज्ज़ू ने इस परंपरा को तोड़ा है जो कि उनकी भारत से दूरी बरतने की नीति को दिखाता है.

हालांकि ये भी जानकारी आ रही है कि उनका भारत दौरा भी प्रस्तावित है. इसका अनुरोध पहले ही आ गया है. इस विवाद के बाद उनके जल्द भारत दौरे का दबाव बढ़ गया है ताकि संबंधों में आयी खटास को कम किया जा सके.

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मालदीव के लिए भारत से रिश्ते बेहद जरूरी

मालदीव में भारतीय सेना की तैनाती ख़त्म करने का फरमान और हाइड्रोग्राफ़ी समझौता रोक कर उन्होंने अपनी ‘इंडिया आउट' नीति पर चलने का रवैया दिखाया है. चीन से बेशक वो नज़दीकी दिखा रहे हों लेकिन समय-असमय भारत ही सबसे पहले मालदीव के काम आता है. पुराने संबंधों की वजह से भी और सबसे पास स्थिति बड़े देश के तौर पर भी मदद भेजता है. ये व्यवहारिकता मुइज्जू को जल्द समझ में आ जाएगी ऐसा जानकारों का मानना है.

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मालदीव में टूरिज्म सेक्टर चिंता में

भारतीय सैलानियों ने जिस तरह से मालदीव की बुकिंग कैंसिल करानी शुरु की है उससे मालदीव के टूरिज़्म सेक्टर बहुत चिंता में है. आर्थिक मार सबसे बड़ी मार होती है और टूरिस्ट आधारित अर्थव्यवस्था वाला मालदीव इसे समझता है क्योंकि पिछले साल सबसे अधिक टूरिस्ट भारत से ही गए. क़रीब दो लाख दस हज़ार.

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मालदीव के नेताओं पर दिख रहा है दबाव

मालदीव से एक और अहम जानकारी है कि यहां के एक सांसद मिकेल नसीम ने संसद से अनुरोध किया है कि इस पूरे मामले में तुरंत कार्रवाई करने में नाकाम रहे विदेश मंत्री को तलब किया जाए. इन्होंने संसदीय समिति में औपचारिक अर्जी भी दाखिल की है कि जिन मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की उनको भी तलब किया जाए और उनसे इस बाबत सवाल जवाब किया जाए. इस बीच आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले एक उप मंत्री मेज़ूम माजिद ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया है. ये सब बताता है कि भारत सरकार और पीएम मोदी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले नेता किस तरह से घिर गए हैं. हालात यहां तक पहुंच गई है कि मुइज्जू को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने तक की बात कर दी गई है.

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