लोगों को सशक्त बनाने की मोदी सरकार की स्पष्ट सोच : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था के लाभ को हटाया नहीं गया है, बल्कि नयी छूट मुक्त कर व्यवस्था आयकर रिटर्न प्रणाली का एक वैकल्पिक रूप है.

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(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा कर उनके जीवन को बेहतर बनाने के साथ ही उन्हें सशक्त करना मोदी सरकार की स्पष्ट सोच है.

सीतारमण ने शुक्रवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा, ''इस सरकार में 'सशक्तिकरण क्या है' बनाम 'हकदारी क्या है' को लेकर स्पष्ट धारणा है. यदि आप लोगों को सशक्त बनाने की सोच रहे हैं, तो हकदारी की कोई जरूरत नहीं. आप उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी करते हैं तो लोग अपना जीवन बेहतर बनाने के लिए अपना रास्ता खोज लेते हैं.''

उन्होंने कहा कि कम आय वर्ग के लोगों के लिए कम दरें सुनिश्चित करने को सरकार सात कर स्लैब वाली वैकल्पिक आयकर व्यवस्था लाई गई है. उन्होंने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था के साथ ही सरकार एक वैकल्पिक प्रणाली लेकर आई है जिसमें कोई छूट नहीं है, लेकिन यह सरल है और इसकी कर दरें भी कम हैं.

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उन्होंने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था में प्रत्येक करदाता लगभग 7-10 छूट का दावा कर सकता है और आय सीमा के आधार पर आयकर की दरें 10, 20 और 30 प्रतिशत के बीच होती हैं.

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सीतारमण ने कहा, ''मुझे सात स्लैब इसलिए बनाने पड़े कि कम आय वर्ग के लोगों के लिए कम दरें हों.''

आम बजट 2020-21 में वैकल्पिक आयकर व्यवस्था शुरू की गई थी जिसमें व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) पर कम दरों के साथ कर लगाया गया. हालांकि, इस व्यवस्था में किराया भत्ता, आवास ऋण के ब्याज और 80सी के तहत निवेश जैसी अन्य कर छूट नहीं दी जाती है.

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इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की कुल आय कर मुक्त है. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की कुल आय पर पांच फीसदी, पांच लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक की कुल आय पर 10 फीसदी, 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर आय पर 30 फीसदी की दर से कर लगाया जाता है.

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पुरानी कर व्यवस्था के तहत भी 2.5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से पांच लाख रुपये के बीच की आय पर पांच प्रतिशत कर लगता है, जबकि पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच 20 प्रतिशत कर लगाया जाता है. इसके बाद 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी कर लगता है.

सीतारमण ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था के लाभ को हटाया नहीं गया है, बल्कि नयी छूट मुक्त कर व्यवस्था आयकर रिटर्न प्रणाली का एक वैकल्पिक रूप है. उन्होंने कहा कि उत्पीड़न खत्म करने के लिए कर विभाग ने आयकर रिटर्न के ‘फेसलेस' यानी बिना आमने-सामने आये आकलन की व्यवस्था की है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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