केंद्र सरकार 2966 गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर को करेगी मजबूत, इन प्रस्तावों पर कैबिनेट ने लगाई मुहर

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विभिन्न उद्देश्य के लिये अगले पांच साल में दो लाख प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति (पीएसी)/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियां गठित करने का लक्ष्य रखा गया.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins

कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी.

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने सहकारी समितियों को मजबूत करने का फैसला लिया है. देश की सीमाओं को मजबूत करने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मोदी सरकार ने मंजूरी दी है. इसके तहत देश की उत्तरी सीमाओं पर बसे गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा. इसके लिए 4800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. बुधवार को मोदी कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया. कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि विभिन्न उद्देश्य के लिये अगले पांच साल में 2 लाख प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति (पीएसी)/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियां गठित करने का लक्ष्य रखा गया. अनुराग ठाकुर ने कहा कि लद्दाख , जम्मू कश्मीर , हिमाचल प्रदेश , उत्तराखंड , सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के कुल 19 जिलों के 2966 गांवों में सड़क और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा. यह बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम से अलग होगा. इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी.

वहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति ने ITBP की 7 नई बटालियन बढ़ाने का फैसला भी लिया है. अभी आईटीबीपी की 176 बॉर्डर पोस्ट है. मोदी कैबिनेट ने सिंकुलना टनल के निर्माण को भी मंजूरी दी. जिससे लद्दाख के लिए ऑल वेदर रोड कनेक्टिविटी मिल जाएगी. इसकी लंबाई 4.8 किलोमीटर होगी. इसमें 1600 करोड़ की लागत आएगी. इससे सैन्य बलों की जमीनी मूवमेंट बढ़ेगी. 

ये भी पढ़ें:-

'वामपंथियों ने त्रिपुरा के लोगों को गुलाम समझा', अगरतला में पीएम मोदी की रैली की 10 खास बातें

कैसे पैसा बनाते हैं शॉर्ट सेलर, अडाणी समूह को लेकर मामले में केंद्र ने SC को बताया