मोदी और शी ने बाली जी20 बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने पर बात की थी : विदेश मंत्रालय

यह पूछे जाने पर कि क्या चीन के राष्ट्रपति दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, इस पर बागची ने कहा कि भारत सभी आमंत्रित नेताओं की भागीदारी के साथ इसकी सफलता के लिए सभी प्रयास और तैयारियां कर रहा है.

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी और शी ने बाली जी20 बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने पर बात की थी.
नई दिल्ली:

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले वर्ष बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में एक रात्रि भोज के दौरान एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की आवश्यकता पर बातचीत की थी. चीन के विदेश मंत्रालय ने जोहानिसबर्ग में दो दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल तथा शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी के बीच बैठक के बाद दावा किया था कि शी और मोदी पिछले साल नवंबर में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने पर ‘‘महत्वपूर्ण आम सहमति'' पर पहुंचे थे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रि भोज के अंत में एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर बात की थी.'' यह मई 2020 में भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न गतिरोध के बाद से दोनों नेताओं की पहली बार सार्वजनिक मुलाकात थी.

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि हमने दृढ़तापूर्वक कहा है कि पूरे मुद्दे के समाधान की कुंजी भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति को हल करना तथा सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल करना है.'' डोभाल ने 24 जुलाई को जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक से इतर वांग से मुलाकात की थी.

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यह पूछे जाने पर कि क्या चीन के राष्ट्रपति दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, इस पर बागची ने कहा कि भारत सभी आमंत्रित नेताओं की भागीदारी के साथ इसकी सफलता के लिए सभी प्रयास और तैयारियां कर रहा है. अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाने के भारत के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि यह होगा.''

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इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले पर कुछ भी ठोस कहना जल्दबाजी होगी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा इस प्रस्ताव का कथित तौर पर समर्थन किए जाने संबंधी खबरों के बारे में बागची ने कहा कि उन्होंने ऐसी टिप्पणियां नहीं देखी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर रूस ने (प्रस्ताव का) समर्थन किया है, तो यह अच्छा है.''

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