मुंबई काउंटिंग सेंटर पर हुआ था मोबाइल का 'अनाधिकृत' इस्तेमाल, चुनाव आयोग ने जारी किया प्रेस नोट

यह आरोप लगाया गया कि मोबाइल फोन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को अनलॉक करने के लिए वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्राप्त करने की क्षमता थी.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने आज स्वीकार किया कि मुम्बई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर मतों की गिनती के दौरान एक उम्मीदवार के सहयोगी ने एक अधिकृत व्यक्ति के मोबाइल फोन का अनधिकृत रूप से इस्तेमाल किया था. इस निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना के रवींद्र वायकर ने जीत हासिल की थी. मीडिया को दिए गए एक बयान में चुनाव आयोग ने कहा कि रिटर्निंग अधिकारी ने इस मामले में पहले ही पुलिस में मामला दर्ज करा दिया है.

यह आरोप लगाया गया कि मोबाइल फोन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को अनलॉक करने के लिए वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्राप्त करने की क्षमता थी. चुनाव आयोग ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी ने "ईवीएम के बारे में गलत सूचना फैलाने और भारतीय चुनाव प्रणाली में संदेह पैदा करने" के लिए मिड-डे अखबार को नोटिस जारी किया है.

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चुनाव आयोग ने जारी किया प्रेस नोट

चुनाव आयोग ने प्रेस नोट में कहा, "ईवीएम को अनलॉक करने के लिए मोबाइल फोन पर कोई ओटीपी नहीं आता है, क्योंकि यह प्रोग्राम करने योग्य नहीं है और इसमें वायरलेस संचार क्षमता नहीं है. यह एक अखबार द्वारा फैलाया जा रहा पूरी तरह झूठ है, जिसका इस्तेमाल कुछ नेताओं द्वारा गलत बयानबाजी करने के लिए किया जा रहा है."

चुनाव आयोग ने कहा, "ईवीएम स्टैंडअलोन डिवाइस है और इसमें किसी तरह की बाहरी वायर या फिर वायरलेस कनेक्टिविटी नहीं है... सुरक्षा उपायों में उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की उपस्थिति में सब कुछ करना शामिल है". चुनाव आयोग ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम (ईटीपीबीएस) की गिनती भौतिक रूप (पेपर बैलेट) में की जाती है, न कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में, "जैसा कि गलत बयानों के माध्यम से फैलाया जा रहा है."

शिवसेना लीडर ने उठाए सवाल

इसके कुछ देर बाद ही शिवसेना (यूबीटी) लीडर प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर एक पोस्ट किया और कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर की कार्रवाई से और सवाल उठते हैं. उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, "मैडम रिटर्निंग ऑफिसर पारदर्शिता लाने के बजाय चुनाव कार्यालय को और उलझा रहे हैं. वंदना सूर्यवंशी जी की कॉन्फ्रेंस से मुंबई उत्तर पश्चिम चुनाव परिणाम की प्रक्रिया के बारे में जवाब मिलने के बजाय और भी कई सवाल उठते हैं."

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पृथ्वीराज चव्हाण ने भी लेट एफआईआर किए जाने पर किए सवाल

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एक वीडियो बयान में ईवीएम विवाद पर कई सवाल उठाए हैं. चव्हाण ने कहा, "4 जून की घटना के बाद, एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) 14 जून को ही दर्ज की गई. ऐसे में कई सवाल उठते हैं. पहला, मतगणना केंद्र में मोबाइल फोन लाने की अनुमति किसने दी और इसका इस्तेमाल किस लिए किया जा रहा था? दूसरा, यह ओटीपी मामला कहां से आया? यह किस बारे में है..."

एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर ईवीएम को लेकर छेड़ी थी बहस

चुनाव आयोग का प्रेस नोट ऐसे दिन आया है जब ईवीएम के विषय पर दुनिया भर में सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है, जिसकी शुरुआत टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क द्वारा अपने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर ईवीएम हैकिंग की चिंताओं के कारण पेपर बैलट पर स्विच करने की संभावना के बारे में पोस्ट से हुई है. 

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राजीव चंद्रशेखर ने की EVM पर एलन मस्क के बयान की आलोचना

भारत में, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ईवीएम को एक सुरक्षित प्रणाली के रूप में इस्तेमाल करने का बचाव किया, और एक आत्मनिर्भर, अच्छी तरह से निर्मित तकनीक पर संदेह करने के लिए एलन मस्क की आलोचना की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव भी इस बहस में शामिल हुए और दोनों ने ईवीएम को खत्म कर बैलट पेपर के इस्तेमाल की मांग की. 

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