मणिपुर में छात्रों के शवों की तस्वीरें वायरल होने पर प्रदर्शन के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से बंद

इंफाल में सैकड़ों छात्र मंगलवार को सड़कों पर उतरे. उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.

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मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से बंद.
इंफाल (मणिपुर):

मणिपुर में दो नाबालिगों की नृशंस हत्या पर विरोध प्रदर्शन के बीच मोबाइल इंटरनेट सेवा पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया है. ये प्रतिबंध फिलहाल रविवार तक प्रभावी रहेगा. राज्य सरकार ने दो जनजातियों के बीच हिंसक घटनाओं के बाद पांच महीने से लागू इंटरनेट सेवा पर से हाल ही में प्रतिबंध हटाया था. उत्तर-पूर्वी इस राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष में 175 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं.

इससे पहले दो नाबालिग छात्रों की नृशंस हत्या के विरोध में राजधानी इंफाल में सैकड़ों छात्र मंगलवार को सड़कों पर उतरे. उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इस अफरातफरी में कई छात्र घायल हो गए.

लगभग पांच महीने के प्रतिबंध के बाद, राज्य में मोबाइल इंटरनेट बहाल होने पर दो छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई, इसके बाद ये हंगामा मचा हुआ है.

सूत्रों ने बताया है कि नाबालिग की हत्या से पहले बलात्कार के आरोपों की भी जांच की जा रही है. जुलाई में, दोनों को सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था, लेकिन उस समय उनका पता नहीं लगाया जा सका था.

युवा लड़के के माता-पिता ने एनडीटीवी से बात की और अमानवीय हत्याओं की निंदा की.पिता ने कहा, "मेरे बेटे या बेटी की क्या गलती थी, जो हत्या कर दी गई? उन्होंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया. वे बस घूम रहे थे. बेरहमी से हत्या करना अमानवीय है."

दोनों बच्चे कर्फ्यू (जातीय हिंसा के कारण लगाए गए) में ढील दिए जाने के बाद बाइक से जा रहे थे, माना जा रहा है कि तभी उनका अपहरण कर लिया गया. इस मामले से आक्रोश फैल गया और कई लोगों ने सवाल उठाया कि पुलिस हत्यारों का पता क्यों नहीं लगा पा रही है.

इस बीच, मणिपुर सरकार ने लोगों से संयम बरतने और अधिकारियों को दोनों के अपहरण और हत्या की जांच करने की अनुमति देने को कहा है. सोमवार देर रात मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में, राज्य सरकार ने कहा कि मामला पहले ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है

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