जब तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतरेंगे, सामने हनुमान चालीसा होगी : राज ठाकरे की चेतावनी

Loudspeaker Row : राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने कहा कि मेरा सवाल है कि पुलिस के पास क्या एक ही काम है कि डिसीबल लेवल मापते बैठे इसलिए इसका एक ही इलाज है, लाउडस्पीकर उतारें. अगर ज्यादा डेसिबल पर अजान होगी तो हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. मैं फिर से कहता हूं ये धार्मिक मुद्दा नहीं है ये सामाजिक मुद्दा है.

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Loudspeaker Row : लाउडस्पीकर मामले पर राज ठाकरे की चेतावनी (फाइल फोटो)
मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में लाउडस्पीकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. पुलिस के कड़े बंदोबस्त के बावजूद कुछ इलाकों से मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा पाठ किया गया. मुंबई के कांदिवली में चारकोप में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने ठीक अजान के समय अपनी बिल्डिंग के टेरेस पर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ चलाया. वहीं इस विवाद के बीच पुलिस ने CRPC 149 के तहत मनसे प्रमुख राज ठाकरे को नोटिस जारी किया है. संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 149 के तहत नोटिस जारी किये जाते हैं. संज्ञेय अपराध वे होते हैं, जिनमें पुलिस बिना वारंट के किसी को गिरफ्तार कर सकती है.

इस पूरे मामले को लेकर आज राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने कहा कि सुबह से मुझे महाराष्ट्र के अलग अलग हिस्सों से फोन आ रहे हैं. महाराष्ट्र के बाहर से भी फोन आ रहे हैं. पुलिस के फोन आ रहे हैं. अब तक कई जगहों पर मेरे कार्यकता और नेताओं को पुलिस नोटिस दे रही है. पकड़ रही है. ये हमारे साथ ही क्यों हो रहा है? 
जो कानून का पालन कर रहे हैं, उन्हें सजा क्यों दी जा रही है.

राज ठाकरे ने आगे कहा कि मैं फिर भी कहना चाहता हूं कि तकरीबन 90 फीसदी मस्जिदों से सुबह लाउडस्पीकर पर अजान नहीं हुई. मैं उन मौलवी का आभार मानता हूं. कल विश्वास नांगरे पाटिल का फोन आया था कि ज्यादातर मस्जिदों के ट्रस्टी मान गए हैं. फिर 132 मस्जिदों पर लाउडस्पीकर से अजान हुई. मेरा सवाल है कि सरकार उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी?

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उन्होंने आगे कहा कि मैं सिर्फ इसलिए अभी बोल रहा हूं, क्योंकि ये सिर्फ सुबह की अजान का सवाल नहीं है. दिन में भी अगर लाउडस्पीकर पर अजान हुई तो हमारे लोग वहां जाकर लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. मेरा सवाल है कि पुलिस 365 दिन के लिए एक साथ कैसे इजाजत दी जा सकती है. हमें रोज इजाजत लेनी पड़ती है. मेरा सवाल है कि पुलिस के पास क्या एक ही काम है कि डिसीबल लेवल मापते बैठे इसलिए इसका एक ही इलाज है, लाउडस्पीकर उतारें. अगर ज्यादा डेसिबल पर अजान होगी तो हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. मैं फिर से कहता हूं ये धार्मिक मुद्दा नहीं है ये सामाजिक मुद्दा है. क्यों हमारे लोगों की धरपकड़ हो रही है. 

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राज ने आगे कहा कि मैं फिर कहता हूं ये विषय एक दिन का नहीं है, जिस मस्जिद से लाउडस्पीकर पर अजान होगी, वहां हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. कभी त्यौहार के दौरान जरूरी है तो ठीक है, लेकिन 365 दिन क्यों ? ये विषय एक दिन का नहीं है. ये आंदोलन चलता रहेगा जब तक लाउडस्पीकर उतरेगा नहीं. 135 मस्जिदों पर लाउडस्पीकर से अजान दी गई. मैं पूछना चाहता हूं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? मस्जिदों पर ही नही मंदिरों पर भी अवैध होगा तो उसे भी उतारिए. मैं सुप्रीम कोर्ट की तरफ भी देख रहा हूं अगर उसके आदेश का पालन नहीं होता है तो फिर वो क्या करती है? जब अर्जी पर काम नहीं होता है तो आंदोलन पर जाना पड़ता है.

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