प्रोबेशनरी आईएएस (IAS) पूजा खेडकर का आगे का रास्ता मुश्किल होता जा रहा है. अब महराष्ट्र सरकार ने ट्रेनी आईएएस को लेकर लेकर रिपोर्ट डीओपीटी को सौंप दी है. रिपोर्ट की एक कॉपी सेंट्रल द्वारा बनाई गई एक सदस्य कमेटी मनोज द्विवेदी को भी भेजी गई है.
रिपोर्ट खेडकर द्वारा सेवाओं में शामिल होने से पहले किए गए विभिन्न दावों की सत्यता का परीक्षण करने के लिए विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त दस्तावेजों का एक संग्रह है. उनमें से मुख्य चिकित्सा और आय प्रमाण पत्र थे, जो प्रस्तुत किए गए थे. ताकि वह ओबीसी और पीडब्ल्यूबीडी कोटा के लाभ सुरक्षित कर सकें. उसके माता-पिता का बैकग्राउंड भी इस रिपोर्ट में शामिल है.
खेडकर के पिता पूर्व सिविल सेवक दिलीप खेडकर के चुनावी हलफनामे में उनकी कुल संपत्ति 40 करोड़ बताई गई, जो पूजा के दावों का खंडन करती है कि परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख से कम थी, ताकि उन्हें ओबीसी कोटा से लाभ मिल सके.
पूजा के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं
आरटीओ से एक प्रमाण पत्र जिसमें कहा गया था कि पूजा के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है. इस रिपोर्ट में पुणे कलेक्टरेट में उनके अभद्र व्यवहार का भी उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि जिस ऑडी से वह काम पर जाती थीं, उसमें उन्होंने लाल नीली बत्ती और राज्य सरकार का प्रतीक चिह्न लगाया था और ऑडी के इस्तेमाल को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ उनका विवाद भी हुआ था.
रिपोर्ट में पुणे में बिताए हुए समय और उन्होंने अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के केबिन पर दावा किया और सरकारी कर्तव्यों के लिए अपनी निजी कार का इस्तेमाल किया. इन सभी बातों का भी उल्लेख किया गया है. इसके अलावा मेडिकल रिपोर्ट से लेकर अन्य बातों का भी जिक्र सबमिट की गई रिपोर्ट में किया गया है.
क्यों विवादों में पूजा खेडकर
महाराष्ट्र के पुणे पुलिस ने विवादों के बीच ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को नोटिस जारी किया है. पुलिस ने उन्हें पुणे कलेक्टर के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत के बारे में पुलिस स्टेशन आकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा है. इस बीच वाशिम की पुलिस पूजा खेडकर के गेस्ट हाउस पहुंची. पूजा IAS एग्जाम पास करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विकलांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट के संबंध में अपने दावों के साथ-साथ पुणे में अपने कार्यकाल के दौरान अपने आचरण के लिए जांच के दायरे में हैं.
विवादित प्रोबेशनरी IAS अफसर पूजा खेडकर ने दिव्यांग प्रमाणपत्र के आवेदन में जिस प्लाट को अपना घर बताया था वो घर ना होकर कंपनी है. पता चला है कि पिंपरी चिंचवड़ शहर में स्थित वो औद्योगिक कंपनी पूजा खेडकर की मां मनोरमा के नाम पर है. कंपनी का नाम थर्मोवेरिटा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड है. ये कंपनी पिछले कई सालों से बंद है और इस कंपनी पर पिंपरी नगर निगम का 2 लाख 77 हजार रुपए का टैक्स बकाया है.
चूंकि कई नोटिसों के बावजूद यह टैक्स नहीं चुकाया गया है. इसलिए नगर निगम के कर संग्रह विभाग द्वारा नियमानुसार संपत्ति जब्त की जा सकती है. पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप जंभाले पाटिल ने बताया है कि इस संबंध में कार्रवाई जल्द ही शुरू की जाएगी. इतना ही नहीं, ये कंपनी रेड जोन एरिया में बनी है. इसलिए इसके अनाधिकृत होने की भी आशंका है. अगर कंपनी की बिल्डिंग अनधिकृत पाई गई तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है.
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