मुंबई की एक कोर्ट में महाराष्ट्र के सत्ताधारी पार्टी के दो विधायकों, नवाब मलिक और अनिल देशमुख के जमानत याचिका पर गुरुवार को फैसला आने की संभावना है. ये फैसला राज्यसभा चुनाव से पहले काफी महत्वपूर्ण हो गया है. चूंकि उक्त चुनाव में एक-एक वोट मायने रखता है. मालूम हो कि मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय द्वारा फरवरी में गिरफ्तारी के बाद से महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक जेल में हैं.
एक दिन की जमानत लगाई है गुहार
राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में हैं. दोनों ने शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए एक दिन की जमानत के लिए विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. नवाब मलिक ने अदालत को बताया है कि वह एक निर्वाचित विधायक हैं और राज्यसभा के लिए एक प्रतिनिधि चुनने में अपने निर्वाचन क्षेत्र के निवासियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए बाध्य हैं.
महाराष्ट्र में छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे और दो दशक से अधिक समय में पहली बार सात उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. सत्तारूढ़ शिवसेना ने दो उम्मीदवार संजय राउत और संजय पवार को मैदान में उतारा है. विपक्षी बीजेपी ने तीन उम्मीदवारों को उतारा है- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक. सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस ने एक-एक उम्मीदवार प्रफुल्ल पटेल और इमरान प्रतापगढ़ी को नामित किया है.
उम्मीदवार को जीत के लिए चाहिए 42 वोट
राज्यसभा सीट जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 42 वोट चाहिए. शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी के पास राज्यसभा की छह में से तीन सीटें जीतने की संख्या है, जिसके लिए 288 विधायक मतदान करेंगे. बीजेपी, जिसके विधानसभा में 106 सदस्य हैं, अपने दम पर दो जीत सकती है, लेकिन छठी सीट के लिए शिवसेना के संजय पवार के खिलाफ तीसरे उम्मीदवार धनंजय महादिक को मैदान में उतारा है.
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