'मिड-डे मील' नहीं, अब 'PM पोषण योजना' कहिए... जानें, क्या नए बदलाव कर रही है मोदी सरकार

सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में मिलने वाला Mid Day Meal अब ‘पीएम पोषण' योजना (PM Poshan Yojana) के नाम से बांटी जाएगी और इसमें बाल वाटिका (Pre-School) से लेकर प्राथमिक विद्यालय (Primary School) के स्तर के विद्यार्थियों को कवर किया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 13 mins

Mid Day Meal Scheme का नाम बदलकर 'पीएम पोषण योजना' किया गया.

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने दशकों पुरानी और बहुचर्चित योजना राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन योजना यानी Mid Day Meal का नाम बदल दिया है. सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में मिलने वाला Mid Day Meal अब ‘पीएम पोषण' योजना (PM Poshan Yojana) के नाम से बांटी जाएगी और इसमें बाल वाटिका (Pre-School) से लेकर प्राथमिक विद्यालय (Primary School) के स्तर के विद्यार्थियों को कवर किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. हालांकि, इस योजना पर अपने प्रस्ताव में सरकार ने कुछ बदलाव भी किए हैं. मध्याह्न योजना 1995 में शुरू की गई थी जिसका लक्ष्य प्राथमिक स्कूल के छात्रों को कम से कम एक बार पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना था. यह बाद में स्कूलों में दाखिले में सुधार करने में सहायक बन गई.

कितना खर्च करेगी मोदी सरकार?

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि यह योजना पांच वर्षों 2021-22 से 2025-26 तक के लिये है जिस पर 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च आयेगा. उन्होंने बताया कि इसके तहत 54,061.73 करोड़ रुपये और राज्य सरकारों तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से 31,733.17 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल की अवधि के लिए ‘स्कूलों में राष्‍ट्रीय पीएम पोषण योजना' को जारी रखने की मंजूरी दी गयी है. मंत्री ने बताया कि केन्‍द्र सरकार खाद्यान्न पर करीब 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत भी वहन करेगी. इस प्रकार योजना पर कुल खर्च 1,30,794.90 करोड़ रुपये आयेगा.

- - ये भी पढ़ें - -
* 'पीएम मोदी ने किसानों को दिया तोहफा, फसलों की 35 नई किस्मों को लांच किया
* Ayushman Bharat Digital Mission : बनेगी Aadhaar के तर्ज पर हेल्थ ID, मिलेंगे कई फायदे; जानें क्या है ये योजना

Advertisement
क्या हुए हैं बदलाव?

- प्रधान ने बताया कि अभी तक देश में मध्याह्न भोजन योजना चल रही थी और मंत्रिमंडल ने इसे नया स्वरूप दिया है. सीसीईए ने इसे पीएम पोषण योजना के रूप में मंजूरी दी है. प्रधान ने कहा कि पीएम पोषण योजना के दायरे में बाल वाटिका (प्री स्कूल) के बच्चे भी आयेंगे . इस केंद्र प्रायोजित योजना के दायरे में सरकारी, सरकारी सहायता-प्राप्त स्कूलों की पहली कक्षा से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले सभी स्कूली बच्चे आयेंगे .

- उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से आग्रह किया गया है कि रसोइयों, खाना पकाने वाले सहायकों का मानदेय प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दिया जाए . इसके अलावा स्कूलों को भी डीबीटी के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाए . मंत्री ने कहा कि इससे 11.20 लाख स्कूलों के 11.80 करोड़ बच्चों को लाभ मिलेगा .

- इसके तहत तिथि भोजन की अवधारणा को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जाएगा. तिथि भोजन एक सामुदायिक भागीदारी कार्यक्रम है जिसमें लोग विशेष अवसरों/त्योहारों पर बच्चों को विशेष भोजन प्रदान करते हैं.

- इसमें कहा गया है कि सरकार बच्चों को प्रकृति और बागवानी के साथ प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिए स्कूलों में पोषण उद्यानों के विकास को बढ़ावा दे रही है. इन बगीचों की फसल का उपयोग मध्‍याह्न भोजन में अतिरिक्त सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करने के लिए किया जाता है.

- इस योजना के कार्यान्वयन में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और महिला स्वयं-सहायता समूहों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले पारंपरिक खाद्य पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा.

- योजना का सोशल ऑडिट अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही आकांक्षी जिलों और उच्च रक्ताल्पता वाले जिलों में बच्चों को पूरक पोषाहार सामग्री उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रावधान किया गया है.

- मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई योजना के तहत अगर राज्य अपनी स्थानीय सब्जी या कोई अन्य पौष्टिक भोजन या दूध या फल जैसी कोई चीज शामिल करना चाहते हैं तो वे केंद्र की मंजूरी से ऐसा कर सकते हैं. यह आवंटित बजट में होना चाहिए. इससे पहले, राज्यों को कोई अतिरिक्त वस्तु शामिल करने पर लागत खुद वहन करनी पड़ती थी.

Video : गरीब महिलाओं, बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए पोषण युक्त चावल देगी सरकार

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Topics mentioned in this article