मनीष सिसोदिया पर केस चलाने की गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी, 'फीडबैक यूनिट' से जासूसी कराने का है आरोप

गृह मंत्रालय ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच की मंजूरी दी है. मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि 2015-16 में केजरीवाल सरकार ने नियम और कायदों को ताक पर रखकर फीडबैक यूनिक बनाई.

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आरोप है कि फीडबैक यूनिट ने राजनीतिक लोगों की जासूसी की
नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी है. मामला फीडबैक यूनिट बनाने से जुड़ा है. सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी.

उपराज्यपाल वीके सक्‍सेना ने मंजूरी के लिए मामला गृह मंत्रालय को भेज दिया था. गृह मंत्रालय ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच की मंजूरी दी है.

मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि 2015-16 में केजरीवाल सरकार ने नियम और कायदों को ताक पर रखकर फीडबैक यूनिक बनाई. आरोप है कि फीडबैक यूनिट ने राजनीतिक लोगों की जासूसी की और मनीष सिसोदिया विजिलेंस विभाग के मंत्री थे.

मनीष सिसोदिया के खिलाफ इससे पहले दिल्‍ली की शराब नीति को लेकर भी सीबीआई ने छापेमारी की थी. इस मामले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को समन भी किया है और 26 फरवरी को कुछ सवालों के जवाब जानने के लिए बुलाया है. अब सीबीआई उनके खिलाफ नया मुकदमा दायर करने जा रही है. ऐसे में दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री की मुश्किलें बढ़ना लाजिमी है. 

मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की मंजूरी मिलने पर भाजपा के प्रवक्‍ता हरीश खुराना ने कहा, "भाजपा इस कदम का स्‍वागत करती है. हम पिछले काफी समय से सवाल उठा रहे थे कि केरीवाल सरकार के खिलाफ जांच होनी चाहिए. इन्‍होंने फीडबैक यूनिट बनाया था. हमें पूरा यकीन है कि इस मामले की जांच होने पर मनीष सिसोदिया सलाखों के पीछे होंगे.  

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