मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने उन तमाम दावों को खारिज किया जिसके अनुसार भगोड़ा हीरा व्यापारी एंटीगुआ से फरार होने की कोशिश में था. उन्होंने चोकसी के शरीर पर लगी कुछ चोटों की तस्वीरों को साझा करते हुए एक बार फिर अपनी अपहरण की थ्योरी को दोहराया है. उन्होंने कहा कि चोकसी के शरीर पर लगे ये निशान अपहरण के दावों को स्थापित कर रहे हैं. बकौल विजय अग्रवाल चोकसी से एंटीगुआ से भागने के लिए बनाई गई बातों स्वीकार नहीं किया जा सकता है, इसके पीछे के कारण कारण गिनाते हुए अग्रवाल ने कहा कि पहली बात तो ये है कि चोकसी अपनी इच्छा से एंटीगुआ में रह रहे थे इसलिए उन्हें वहां से भागने की जरूरत नहीं थी. दूसरे कारण को बताते हुए विजय कहते हैं मुझे जानकारी मिली है कि चोकसी का पासपोर्ट एंटीगुआ में ही है, अगर किसी को भागना होगा तो वो बिना पासपोर्ट के क्यो भागेगा.
विजय अग्रवाल द्वारा जारी तस्वीरों में मेहुल चोकसी के हाथों और चेहरे पर चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं. बताते चलें कि विजय अग्रवाल भी पहले चोकसी के अपहरण का दावा करते रहे हैं. उनके अनुसार चोकसी अपनी इच्छा से डोमनिका नहीं गए थे बल्कि उन्हें जबरन एक जहाज में बिठाकर ले जाया गया था. इसके अलावा चोकसी ने भी आरोप लगाया है कि एंटीगुआ और भारतीय की तरह दिखने वाले पुलिसकर्मियों ने उसे एंटीगुआ और बारबुडा में जॉली बंदरगाह से अगवा किया और उसे डोमिनिका ले गए.
गौरतलब है कि चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से 13,500 करोड़ रुपये की धनराशि का कथित तौर पर गबन किया, नीरव मोदी लंदन की एक जेल में बंद है और वह भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है. चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ एंड बारबुडा की नागरिकता ली थी और जनवरी 2018 के पहले हफ्ते में भारत से भाग गया था. इसके बाद ही यह घोटाला सामने आया था. दोनों ही सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं.