मेघालय सरकार मांस की दुकानों में मारे गए जानवरों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाए: HC

पीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘‘राज्य सरकार मिसाल कायम करने के लिए अच्छी तरह से काम करेगी और मांस की दुकानों में मारे गये जनवरों के शवों के प्रदर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाएगी, हालांकि उन्हें रेफ्रीजरेटर या किसी अन्य बर्तन में रखा जा सकता है.

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शिलांग:

मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह मांस की दुकानों में मारे गये जानवरों के शवों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाए. उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर फैसला देते हुए यह आदेश दिया. मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी की अगुवाई वाली खंड पीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘‘राज्य सरकार मिसाल कायम करने के लिए अच्छी तरह से काम करेगी और मांस की दुकानों में मारे गये जनवरों के शवों के प्रदर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाएगी, हालांकि उन्हें रेफ्रीजरेटर या किसी अन्य बर्तन में रखा जा सकता है. मृत जानवरों के शवों को एक परिसर के अंदर भी प्रदर्शित किया जा सकता है, लेकिन इसका बाहर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन नहीं कर सकते.''

पीठ ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि इस तरह की खामियों पर ध्यान दिया जाएगा और राज्य सरकार जानवरों के लिए अधिक नैतिक उपचार सुनिश्चित करेगी भले ही उन्हें मानव के उपभोग के लिए चुना गया हो.'' इस पर राज्य सरकार ने कहा कि इस संबंध में जून, 2022 में विस्तृत उपाय किए गए हैं और बार-बार दिये गये निर्देशों का पालन किया गया.

जनहित याचिका गौ ज्ञान फाउंडेशन (एक गैर सरकारी संगठन) की ओर से दायर की गई थी जो गायों की रक्षा और संरक्षण के लिए काम करता है. पीठ ने कहा कि केंद्रीय कानून और स्थानीय नियमन के बावजूद याचिकाओं ने दिखाया कि ज्यादातर दिशानिर्देशों और मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है और स्थानीय स्तर की समितियां सक्रिय नहीं हैं.

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