Mathura Constituency: उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) को धर्म नगरी के नाम से भी जाना जाता है. कारण, मथुरा का इतिहास भगवान श्री कृष्ण के युग से जुड़ा हुआ है और मान्यता है कि यहीं पर श्री कृष्ण ने अनेकों लीलाओं का मंचन किया था. मथुरा में ब्रजभाषा बोली जाती है और यहां का पेड़ा और रबड़ी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. राजनीति में भी मथुरा का अहम योगदान रहा है. इस विधानसभा सीट (Mathura Assembly Seat) पर सर्वाधिक नौ बार कांग्रेस, पांच बार बीजेपी, एक बार जनता पार्टी और एक बार निर्दलीय उम्मीदवार का कब्जा रहा है. कांग्रेस के प्रदीप माथुर यहां से सर्वाधिक चार बार विधायक रहे हैं. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवारों को कभी भी इस सीट पर जीत नहीं मिली है. 2017 में बीजेपी ने मथुरा विधानसभा सीट पर बड़ी जीत दर्ज की थी.
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दरअसल, साल 2017 के विधानसभा चुनाव में मथुरा सीट कुल 13 उम्मीदवार मैदान में थे. हालांकि कड़ा मुकाबला सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच ही देखने को मिला. बीजेपी ने श्रीकांत शर्मा को मैदान में उतारा था तो कांग्रेस की ओर से चार बार के विधायक प्रदीप माथुर चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन बीजेपी के श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस के प्रदीप माथुर को 1 लाख 1 हजार 161 वोटों के अंतर से पराजित किया और सीट पर कब्जा कर लिया. प्रदीप माथुर 42 हजार 200 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे, जबकि बसपा के योगेश द्विवेदी 31 हजार 168 वोट के साथ तीसरे और आरएलडी के अशोक अग्रवाल चौथे स्थान पर रहे.
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2017 की मतदाता सूची के अनुसार मथुरा विधानसभा सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 4 लाख 25 हजार 748 थी, जिनमें 51.2 फीसदी पुरुष और 48.7 फीसदी महिला मतदाता शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक इनमें सबसे ज्यादा ब्राह्मण मतदाता हैं. इसके बाद वैश्य, मुस्लिम, दलित, जाट, कायस्थ, बघेल जाति के मतदाताओं हैं.