मराठी साहित्यकार और वक्ता शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे का निधन, शिव चरित्र पर दिए थे 12 हजार व्याख्यान

अपनी लेखनी के जरिये छत्रपति शिवाजी महाराज के चरित्र को महाराष्ट्र के घर घर तक पंहुचाने का श्रेय बाबा साहेब पुरंदरे को जाता है. इसके लिए उन्हें पद्मविभूषण और महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था. 

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साथ ही शिव चरित्र पर उन्होंने देश विदेश में 12 हजार से ज्यादा व्याख्यान दिए थे. (फाइल)
पुणे:

मराठी साहित्यकार और वक्ता शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे (Shivshahir Babasaheb Purandare) का आज सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर निधन हो गया. पिछले तीन दिनों से बीमार चल रहे बाबा साहेब का पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल (Deenanath Mangeshkar Hospital) में इलाज चल रहा था. सुबह 8.30 बजे उनका पार्थिव देह उनके निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. इसके बाद सुबह साढ़े 10 बजे वैकुंठ शमशान भूमि में अंतिम संस्कार किया जाएगा. वे 99 साल के थे. उन्हें पद्मविभूषण और महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था. 

अपनी लेखनी के जरिये छत्रपति शिवाजी महाराज के चरित्र को महाराष्ट्र के घर घर तक पंहुचाने का श्रेय बाबा साहेब पुरंदरे को जाता है. साथ ही उन्हें देश-विदेश में शिव चरित्र पर दिए गए व्याख्यानों के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने शिव चरित्र पर 12 हजार से ज्यादा व्याख्यान दिए थे. 

बाबासाहेब पुरंदरे को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिए जाने के खिलाफ याचिका खारिज

मराठी साहित्यकार, इतिहासकार, नाटककार और वक्ता के तौर पर उनकी पहचान थी. पुरंदरे को छत्रपति शिवाजी के इतिहास के लेखक के रूप में भी जाना जाता है.

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महाराष्ट्र भूषण सम्मान दिए जाने का काफी विरोध भी हुआ था और यह मामला कोर्ट तक भी पहुंचा था. हालांकि कोर्ट ने इस मामले में याचिका को खारिज कर दिया था. वहीं याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया गया था. 

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