मराठा समाज के बड़े नेता और शिवसंग्राम के प्रमुख विनायक मेटे का सड़क हादसे में निधन हो गया. हादसा मुंबई-पुणे एक्सप्रेस पर सुबह हुआ. हादसे के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई. न्यूज एजेंसी भाषा ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है, दुर्घटना सुबह करीब सवा पांच बजे पड़ोसी रायगढ़ जिले के रसायनी थाना क्षेत्र के मडप सुरंग के पास हुई. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के वक्त कार में एक अन्य व्यक्ति और उनका ड्राइवर था. मडप सुरंग के पास एक वाहन ने उनकी कार को टक्कर मार दी और सभी को गंभीर चोटें आईं. इन सभी को नवी मुंबई के कामोठे के निजी अस्पताल ले जाया गया जहां मेटे को मृत घोषित कर दिया गया.
मेटे मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के कट्टर समर्थक थे. 52 वर्षीय मेटे महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं.
हादसे की जानकारी मिलने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नवी मुंबई में MGM अस्पताल पहुंचे.
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मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड जिले के रहने वाले पूर्व विधान पार्षद मराठा आरक्षण के समर्थक थे. वह एक बैठक में शामिल होने के लिए मुंबई जा रहे थे.
हादसे में उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस जवान राम ढोबले भी बुरी तरह जख्मी हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
2008 में मेटे और उनके संगठन के कुछ अन्य कार्यकर्ताओं ने अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने के तत्कालीन राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ अखबार में एक संपादकीय का विरोध करने के लिए एक मराठी दैनिक के तत्कालीन संपादक कुमार केतकर के ठाणे स्थित आवास पर हमला किया था.