कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने की बैठक, राज्यसभा में ओबीसी संविधान संशोधन बिल पेश होने से पहले मुलाकात

OBC Constitution Amendment Bill : इस बैठक में कांग्रेस के अलावा डीएमके,सपा, शिवसेना नेशनल कान्फ्रेंस, माकपा, भाकपा, राजद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, एलजेडी समेत तमाम दलों के नेता शामिल हुए. कांग्रेस के साथ तमाम विपक्षी दलों के नेता फिर एकजुट दिखे हैं.

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Congress के साथ तमाम विपक्षी दलों के नेता एक बार फिर एकजुट हुए
नई दिल्ली:

Parliament Monsoon Session : कांग्रेस (Congress)  समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार सुबह बैठक की. यह बैटक राज्यसभा में नेता विपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में हुई. राज्यसभा में ओबीसी सूची से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक (OBC Constitution Amendment Bill) को पेश किए जाने से पहले हुई इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है. लोकसभा में मंगलवार को यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है. इस बैठक में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी उपस्थित थे, जो दो दिन का जम्मू-कश्मीर दौरा खत्म कर लौटे हैं.

इस बैठक में कांग्रेस के अलावा डीएमके,सपा, शिवसेना नेशनल कान्फ्रेंस, माकपा, भाकपा, राजद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, एलजेडी समेत तमाम दलों के नेता शामिल हुए. कांग्रेस के साथ तमाम विपक्षी दलों के नेता एक बार फिर एकजुट दिखे हैं. इससे विपक्षी दलों में सरकार के खिलाफ लामबंदी की कवायद माना जा रहा है.

इससे पहले भी संसद के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस के साथ तमाम विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाई दी थी. तब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने घर पर तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को नाश्ते पर बुलाया था. इसमें शिवसेना, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था. दरअसल, विपक्षी दल पेगासस जासूसी कांड, महंगाई और किसान आंदोलन जैसे मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रामक रहे हैं. सरकार और विपक्षी दलों में गतिरोध के कारण संसद में सामान्य रूप से कामकाज नहीं हो सका है. हालांकि सरकार विधेयकों को दोनों सदनों में हंगामे के बीच पारित करा चुकी है. 

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ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक पर तमाम विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया है. यही वजह रही कि लोकसभा में विधेयक पर मंगलवार को चर्चा हुई और इसे पारित कराया जा सका. सर्वसम्मति ये यह बिल पास हुआ. कांग्रेस, सपा, बसपा, शिवसेना समेत सभी विपक्षी दलों ने इसे समर्थन दिया. हालांकि इन दलों ने 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को लेकर सरकार को घेरने में कोई कोताही नहीं बरती. राज्यसभा में भी आज इस मुद्दे पर तीखी बहस देखने को मिल सकती है. 

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