26/11 मामले के अलावा मनीष तिवारी ने नई पुस्‍तक में सरकार की सुरक्षा नीति पर भी साधा है निशाना

जम्‍मू कश्‍मीर के उरी में हुए हमले के बाद सितंबर 2016 में की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक को लेकर उन्‍होंने अपनी पुस्‍तक में लिखा, 'ऐसा लगता है कि NDA ने यह दुर्भाग्‍यपूर्ण आंकलन किया है कि ऐसे हमलों से राजनीतिक लाभ मिलता है. '

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मनीष तिवारी पुस्‍तक में मुंबई हमले के बाद कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर यूपीए सरकार की आलोचना कर चुके हैं
नई दिल्‍ली:

कांग्रेस के 'G-23' के अहम सदस्‍य मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने 26/11 के मुंबई हमले को लेकर यूपीए सरकार की आलोचना से बीजेपी को भले ही खुश कर दिया है लेकिन अपनी इस नई पुस्‍तक में उन्‍होंने NDA सरकार को भी नहीं बख्‍शा है. अपनी पुस्‍तक "10 Flash Points; 20 Years - National Security Situations that Impacted India" में उन्‍होंने देश के समक्षमौजूदा चुनौतियों  से लेकर सर्जिकल स्‍ट्राइक और चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर भी विचार रखे हैं. जम्‍मू कश्‍मीर के उरी में हुए हमले के बाद सितंबर 2016 में की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक को लेकर उन्‍होंने अपनी पुस्‍तक में लिखा, 'ऐसा लगता है कि NDA ने यह दुर्भाग्‍यपूर्ण आंकलन किया है कि ऐसे हमलों से राजनीतिक लाभ मिलता है. '

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कांग्रेस ने लगातार दावा किया था कि एनडीए ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इस स्‍ट्राइक का इस्‍तेमाल किया. कांग्रेस के शासन के दौरान की ऐसी सात पुरानी स्‍ट्राइक और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान ऐसी दो स्‍ट्राइक को कोई पब्लिसिटी नहीं मिली. बीजेपी ने दावा किया था कि पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर (Pakistan-Occupied Kashmir)में आतंकी  लांचपेड्स के खिलाफ कार्रवाई सबसे पहले नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से की गई. पिछले साल भारतीय क्षेत्र में चीन की ओर से की गई घुसपैठ को लेकर उन्‍होंने लिखा है, ' यह वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के समान है और 58 वर्ष के बाद भी बेहद डरावना है.' उन्‍होंने लिखा, '2020 की गर्मी की बीजेपी नीत सरकार की नींद का फायदा उठाते हुए चीन ने इस घुसपैठ को अंजाम दिया. 'उन्‍होंने लिखा, 'इस बात ने इसे और बदतर बना दिया कि 20 साल पहले हिमालय की चोटियों पर भारत को करगिल घुसपैठ जैसी समान स्थिति को सामना करना पड़ा था.  ' यही नहीं तिवारी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ का पद  सृजित करने के सरकार के कदम पर भी सवाल उठाए हैं. 

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गौरतलब है कि तिवारी, अपनी पुस्‍तक में मुंबई हमले के बाद कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर मनमोहन सरकार की आलोचना करके सुर्खियों में आ चुके हैं.  अपनी किताब में मनीष तिवारी ने लिखा है कि मुंबई हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए थी. आगे उन्होंने लिखा कि कार्रवाई न करना कमजोरी की निशानी है. मनीष तिवारी ने मुंबई हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से करते हुए कहा कि भारत को उस समय अमेरिका की तरह ही जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी. उन्होंने ये भी लिखा कि एक वक्त आता है जब कार्रवाई शब्दों से ज्यादा बोलती है, 26/11 वह समय था जब कार्रवाई होनी चाहिए थी.

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