दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर हमला बोला है. मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वे चुनी हुई सरकार को बाईपास कर रहे हैं. उनके द्वारा कराए जा रहे सभी जांच गैर-कानूनी और असंवैधानिक हैं.उपराज्यपाल को चिट्ठी में मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि जमीन, पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और सर्विसेज के अलावा अन्य किसी भी मामले में आदेश देने का उन्हें अधिकार नहीं है. यह सभी आदेश राजनीति से प्रेरित हैं. अबतक किसी भी जांच में कुछ नहीं निकला है. आखिर में मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि आपसे आग्रह है कि आप संविधान के अनुरूप कार्य करें. आज ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एक के बाद एक दो ट्वीट कर भाजपा को घेरा है.यह है पूरा मामला
क्या है मामला
एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को उन आरोपों की जांच करने को कहा है, जिनके मुताबिक बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी राशि भगुतान में अनियमितता बरती गई है. एलजी ने 7 दिनों के भीतर चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी है. उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से कहा है कि वह इस मामले की जांच करें कि जब 2018 में DERC यानी दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने दिल्ली सरकार से कहा था कि वह बिजली पर दी जाने वाली सब्सिडी DBT यानी उपभोक्ताओं के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर करने पर विचार कर सकती है. जैसा एलपीजी के मामले में की जा रही है, तो फिर इसको अब तक लागू क्यों नहीं किया गया है? प्रतिष्ठित वकीलों, जूरिस्ट और लॉ प्रोफेशनल ने आरोप लगाया है कि यह भ्रष्टाचार का सबसे पुख्ता मामला है.
उपराज्यपाल के मुताबिक उनके सचिवालय को इस मामले में बहुत बड़े घोटाले की शिकायत मिली है. आरोप के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष जैस्मिन शाह तथा आम आदमी पार्टी के सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता को बीआरपीएल और बीवाईपीएल में डायरेक्टर बनाया गया और इन्होंने बड़ा घोटाला किया. यह discom कंपनियां अनिल अंबानी ग्रुप की हैं, जिसमें दिल्ली सरकार 49% की हिस्सेदार है.
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