कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे पर तीखी टिप्पणी की है. मणिपुर में जातीय हिंसा (Manipur Violence) भड़कने के दो साल बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. राहुल गांधी ने लिखा है, "CM बीरेन सिंह का इस्तीफा दिखाता है कि जनता का बढ़ता दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव ने उन्हें जवाबदेह बना दिया है." करीब 2 साल तक BJP के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मणिपुर में विभाजन को बढ़ावा दिया. पीएम मोदी ने मणिपुर में हिंसा, जानमाल की हानि और भारत के विचार के विनाश के बावजूद उन्हें पद पर बने रहने दिया.
कुकी समुदाय के एक व्यक्ति खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
बीरेन सिंह ने अपने नेतृत्व के खिलाफ राज्य में बढ़ते असंतोष को शांत करने के लिए इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उनकी सरकार कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव और फ्लोर टेस्ट की संभावना का सामना कर रही है. मुख्यमंत्री ने शाम राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. लेकिन मामला तब और बढ़ गया जब कुकी समुदाय के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पर राज्य में हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उनकी शिकायत मुख्यमंत्री के कथित तौर पर लीक हुए ऑडियो टेप पर आधारित थी.
मणिपुर हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत
एक गैर-लाभकारी फोरेंसिक प्रयोगशाला, ट्रुथ लैब्स ने पुष्टि की है कि 93 प्रतिशत ऑडियो टेप बीरेन सिंह की आवाज से मेल खाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने लीक हुए ऑडियो टेप पर केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से रिपोर्ट मांगी है. मई 2023 में मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों से जुड़ी सबसे खराब जातीय हिंसा भड़की थी. इसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 60,000 लोग बेघर हो गए थे.