- मणिपुर हिंसा मामले में पूर्व CM एन बीरेन सिंह को फंसाने वाले ऑडियो क्लिप्स में छेड़छाड़ हुए हैं: NFSL
- NFSL ने बताया कि ये चार ऑडियो क्लिप्स मूल स्रोत रिकॉर्डिंग नहीं हैं
- याचिकाकर्ता संगठन की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी
मणिपुर में 2023 की हिंसा से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट को नेशनल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (NFSL), गांधीनगर ने बड़ा खुलासा किया है. NFSL ने अपनी सीलबंद रिपोर्ट में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कथित तौर पर फंसाने वाले चार ऑडियो क्लिप्स में बदलाव और छेड़छाड़ के संकेत मिले हैं. रिपोर्ट के अनुसार ये क्लिप्स मूल स्रोत रिकॉर्डिंग नहीं लगते और वैज्ञानिक रूप से वॉयस कम्पैरिजन के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की बेंच ने मामले की सुनवाई की. जस्टिस संजय कुमार ने रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि इन क्लिप्स के आधार पर वक्ताओं की आवाज़ की समानता या असमानता पर कोई राय नहीं दी जा सकती. अदालत ने NFSL की अंतिम रिपोर्ट याचिकाकर्ता को देने का आदेश दिया ताकि वे जवाब दाखिल कर सकें. अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी.
इस बीच, याचिकाकर्ता संगठन की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि Truth Labs की अलग फॉरेंसिक रिपोर्ट में 50 मिनट का एक ऑडियो बिना एडिट पाया गया है और उसमें 93% संभावना बताई गई कि आवाज़ बिरन सिंह की है. इस पर कोर्ट ने कहा कि NFSL की रिपोर्ट मिलने के बाद याचिकाकर्ता अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं. NFSL की रिपोर्ट ने इस मामले में ऑडियो क्लिप्स की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब सभी की निगाहें 8 दिसंबर की सुनवाई पर टिकी हैं, जब इस विवाद पर आगे की कानूनी दिशा तय होगी.














