मणिपुर के नोनी जिले में एक नदी से शवों को निकालने के लिए खुदाई की मशीन का उपयोग किया जा रहा है, जहां टेरिटोरियल आर्मी के जवानों सहित कई लोगों के भूस्खलन से हुए हादसे के चलते दबे होने की आशंका है. बुधवार रात टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण स्थल के पास 107 टेरिटोरियल आर्मी (टीए) शिविर में हुए बड़े भूस्खलन में अब तक 16 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. वहीं कम से कम 55 लोग अभी भी लापता हैं. अधिकारियों ने शवों को बाहर निकालने के लिए नदी के दुर्गम बहाव वाले इलाके में खुदाई करने वाली मशीनों को तैनात किया है.
सूत्रों के अनुसार, लापता लोगों में से कम से कम आधे लोग टेरिटोरियल आर्मी से संबंध रखते हैं. भारतीय सेना, असम राइफल्स और टेरिटोरियल आर्मी के अलावा केंद्रीय और राज्य आपदा बलों द्वारा घटनास्थल पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. टेरिटोरियल आर्मी जिरीबाम जिले से राज्य की राजधानी इम्फाल तक बनने वाली रेलवे लाइन को सुरक्षा प्रदान करती है. मलबे में दबे कर्मियों का पता लगाने के लिए खोज जारी है और खोजी कुत्ते भी इस भी इस काम में लगाए गए हैं.
वहीं घटना पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि यह जानकर स्तब्ध हूं कि दार्जिलिंग हिल्स के कई जवान (107 टेरिटोरियल आर्मी यूनिट) मणिपुर भूस्खलन में हताहतों में शामिल हैं. उन्होंने उनके निधन पर शोक जताते हुए एक ट्वीट भी किया है.
बता दें कि अभी तक टेरिटोरियल आर्मी के 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचाया गया है.लापता कर्मियों की तलाश आज भी पूरे दिन जारी रहेगी. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मरने वालों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.