मणिपुर में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज है. इस बीच चुनाव से पहले कुछ इलेक्शन सर्वे में मणिपुर में त्रिशंकु विधानसभा के आसार व्यक्त किए गए हैं. हालांकि, इस संभावना से मुख्यमंत्री बीरेन सिंह (Chief Minister Biren Singh) ने साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि त्रिशंकु विधानसभा का सवाल ही नहीं उठता है. यह टोटल अंकगणित है. 60 सीटों में से हमारे पास 29 मौजूदा विधायक हैं. साथ ही उनकी जीत के चांसेस बहुत अधिक हैं और हमें सरकार बनाने के लिए कुछ ही सीटों पर जीतने की जरूरत है. इसे हम हम आसानी से हासिल कर लेंगे. यह वह अंकगणित है, जिस पर हम काम कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा है कि बीजेपी का टिकट नहीं मिलने के बाद हमारे बहुत से नेता निराश थे, क्योंकि हम सभी को टिकट नहीं दे सके. लेकिन यह सौभाग्य की बात है कि इनमें से अधिकांश नेताओं ने अपने मतभेदों को सुलझा लिया है. बता दें कि इस बार बीजेपी सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. वहीं कांग्रेस 54 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी- वाम दलों और जद (एस) के लिए छह सीटें छोड़ें हैं.
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इस चुनाव में कोनराड संगमा की एनपीपी 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. वहीं जद (यू) 38 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस और भाजपा दोनों के नेता, जिन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिला था, उन्हें छोटे दलों ने मैदान में उतारा है और वे भाजपा और कांग्रेस दोनों के वोटों से डिवाइड कर सकते हैं. पहाड़ी इलाकों में एनपीएफ 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
बता दें कि चुनाव आयोग (Election Commission)ने मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीखों में बदलाव किया है. परिवर्तित कार्यक्रम के अनुसार, राज्य में अब पहले चरण का मतदान 28 फरवरी को और दूसरे चरण का 5 मार्च को होगा. आयोग ने पहले राज्य में पहले चरण के लिए 27 मार्च और दूसरे चरण के लिए 3 मार्च की तारीख तय की थी. मणिपुर सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
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