मणिपुर एक बार फिर से हिंसा (Manipur Crisis) की चपेट में है. संकट के बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शांति बहाली के लिए राष्ट्रपति को लिखी गई खरगे की चिट्ठी की आलोचना की है. खरगे ने मणिपुर में शांति बहाली के लिए द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिख हस्तक्षेप की मांग की थी. अब नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (JP Nadda On Mallikarjun Kharge) की आलोचना करते हुए इसे पूर्वोत्तर राज्य में हालात को और सनसनीखेज बनाने की कोशिश बताया.
हिंसा की चपेट में मणिपुर, राजनीति जारी
पिछले साल मई में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई हिंसा का क्रम अब तक जारी है. सांप्रदायिक झड़पों के इस क्रम में मणिपुर पिछले हफ्ते एक बार फिर से हिंसा की चपेट में आ गया है और कई लोगों की मौत हो गई. पिछले साल राज्य में फैली हिंसा में 200 से ज्यादा मौतें हुईं थीं और करीब 60,000 लोग विस्थापित हुए थे.
खरगे ने राष्ट्रपति को लिखी थी चिट्ठी
मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखा था. इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर पिछले 18 महीनों में मणिपुर में शांति और सामान्य हालात बहाल करने में पूरी तरह से विफल रहने का आरोप लगाते हुए हस्तक्षेप करने की मांग की थी.
अब जेपी नड्डा ने चिट्ठी लिख कांग्रेस चीफ के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि मणिपुर अभी भी स्थानीय मुद्दों से निपटने में सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस की उस विफलता को महसूस कर रहा है. नड्डा ने कहा कि केंद्र और मणिपुर सरकार हिंसा के बाद से ही हालात को नॉर्मल करने और लोगों की सुरक्षा को लेकर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेता ये भूल गए हैं कि उनकी सरकार ने न सिर्फ बाहरी आतंकियों के भारत में अवैध प्रवास को वैध बनाया, बल्कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने उनके साथ संधि भी की.
नड्डा का कांग्रेस पर पलटवार
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने गिरफ्तारी से बचकर भाग रहे उग्रवादी नेताओं का समर्थन किया. कांग्रेस सरकार में भारत की सुरक्षा और प्रशासनिक प्रोटोकॉल पूरी तरह विफल रहने का खास कारण यह है कि उग्रवादी और आदतन हिंसक संगठन मणिपुर में अशांति फैलाने की कोशिश कई दशकों से करते आ रहे हैं, जबकि एनडीए सरकार ऐसा होने नहीं देगी.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा था?
- मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति मुर्मू को चिट्ठी लिखकर दखल की मांग की थी.
- उन्होंने कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मणिपुर के लोग अपने घरों में सम्मान और शांति के साथ रह सकें.
- कांग्रेस चीफ ने ये दावा किया कि हिंसा में महिलाओं, बच्चों और नवजातों समेत 300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
- खरगे ने कहा कि मणिपुर में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की वजह से करीब 1 लाख लोगों को अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ा.
- वे सभी राहत शिविरों में रहने को मजबूर हो गए. यह दर्द लगातार जारी है.
खरगे ने कहा, "देश की राष्ट्रपति और संविधान की संरक्षक के रूप में यह आपका कर्तव्य है कि आप संवैधानिक औचित्य को बनाए रखें और लोगों के जीवन और संपत्तियों को बचाने के लिए हस्तक्षेप करें. मुझे विश्वास है कि, आपके हस्तक्षेप के बाद मणिपुर के लोग फिर से सम्मान के साथ अपने घरों में शांति से रहेंगें."