पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur Violence) में पिछले साल हुई जातीय हिंसा के बाद से समय-समय पर हिंसक घटनाएं सामने आती रहती हैं. हिंसा को लेकर सीएम एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) पर भी सवाल उठते रहे हैं. विपक्ष कई बार उनके इस्तीफे की मांग कर चुका है. हिंसा प्रभावित राज्य में अब संभावित नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हैं. ऐसी चर्चा है कि बीरेन सिंह सरकार के कुछ विधायक सीएम पद से उनका इस्तीफा मांगने के लिए नई दिल्ली गए हैं. हालांकि, सिंह ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि निहित स्वार्थों के कारण कुछ लोग ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं.
सीएम बीरेन सिंह ने शुक्रवार को स्वीकार किया है कि उनकी पार्टी और सहयोगी दलों के कुछ विधायक दिल्ली गए हैं. उन्होंने दावा किया कि ये विधायक मणिपुर में जातीय हिंसा के प्रभावी ढंग से समाधान के लिए BJP नेतृत्व और केंद्रीय नेताओं से मिलने गए हैं.
मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने कहा, "मैंने गुरुवार को विधायकों के साथ बैठक की थी. इसमें ये फैसला लिया गया कि मणिपुर में स्थायी शांति बहाली के लिए एक मेमोरेंडम सौंपा जाएगा. साथ ही लोकसभा चुनाव में NDA की जीत के लिए कुछ विधायक दिल्ली जाकर केंद्रीय नेताओं से एक शिष्टाचार मुलाकात करेंगे."
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बीरेन सिंह ने कहा, "हमने तय किया है कि केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए एक छोटी कमिटी बनाई जाएगी. मेमोरेंडम पर NDA के करीब 34 विधायकों ने साइन किए थे."
मणिपुर के सीएम ने कहा, "बैठक में विधायकों ने मणिपुर मुद्दे को सुलझाने के संकल्प के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों की सराहना की है. अमित शाह ने शांति बहाली के लिए अलग-अलग एजेंसियों के साथ बैठक भी शुरू कर दी है."
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मणिपुर में 3 मई 2023 को जातीय हिंसा भड़की थी. हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. मणिपुर हाईकोर्ट ने 27 मार्च 2023 के मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने पर विचार करने का आदेश दिया था. इसी निर्देश के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी.
हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने अपना आदेश रद्द कर दिया. जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलु की बेंच ने आदेश से एक पैराग्राफ को हटाते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच के रुख के खिलाफ था.