मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए कई मॉडल पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.
मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में हो रहे मतदान के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं. मणिपुर में 38 सीटों के लिए वोटिंग हो रही है, जिसमें 12 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. राज्य में सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा. मणिपुर में कुल 60 सीटें हैं. मतगणना 10 मार्च को होगी.
- मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 173 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, इनमें से 15 महिलाएं भी शामिल हैं.
- यह 38 सीटें मणिपुर के 5 जिलों में स्थित हैं. इनमें इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, विष्णुपुर, कांगपोकपी और चुराचांदपुर शामिल हैं.
- चुनाव आयोग के मुताबिक, मणिपुर में कुल उम्मीदवारों में से 39 का आपराधिक इतिहास है. भाजपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं कांग्रेस के 35 और जेडीयू ने 28 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.
- साथ ही पहले चरण में 5,80,607 पुरुष, 6,28,657 महिलाएं और 175 ट्रांसजेंडर मतदाताओं सहित कुल 12,09,439 मतदाता हैं, जो 1,721 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.
- विकास, उग्रवाद, नशीली दवाओं का अवैध व्यापार, सशस्त्र बल (स्पेशल पॉवर) अधिनियम, 1958 (AFSPA) का निरसन, महिला सशक्तिकरण, बढ़ती बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर राजनीतिक दलों ने अपना प्रचार अभियान चलाया.
- इस चुनाव में मुख्यमंत्री व भाजपा प्रत्याशी एन बीरेन सिंह, उनके कैबिनेट सहयोगी थोंगम विश्वजीत सिंह, एनपीपी प्रत्याशी व उप मुख्यमंत्री युमनाम जॉयकुमार सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता थोकचोम सत्यब्रत सिंह, कांग्रेस के रतनकुमार सिंह, लोकेश्वर सिंह, शरतचंद्र सिंह, मौजूदा पार्टी विधायक अकोइजम मीराबाई देवी का भाग्य दांव पर लगा है.
- फायरब्रांड महिला नेता और जनता दल (यूनाइटेड) की उम्मीदवार थौनाओजम बृंदा, जो कि पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्त अधीक्षक थीं पहले चरण में शामिल यास्कुल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं.
- भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों में 60 सदस्यीय विधानसभा में 21 सीटें हासिल की थीं और पहली बार मणिपुर की सत्ता हासिल की थी. भाजपा ने चार एनपीपी विधायकों, चार नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के समर्थन से गठबंधन सरकार बनाई थी. हालांकि इस बार बीजेपी, एनपीपी और एनपीएफ अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं. इन दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
- मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार की प्रमुख पार्टी एनपीपी 2017 से पूर्वोत्तर के राज्यों मेघालय और मणिपुर में भाजपा की सहयोगी रही है. इसने अपने 38 उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि भाजपा ने मणिपुर की सभी 60 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं.
- कांग्रेस ने लगातार 15 वर्षों (2002-2017) तक राज्य पर शासन किया था. साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीटें हासिल की थीं और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. इस बार उसने चार वाम दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करके मणिपुर प्रगतिशील धर्मनिरपेक्ष गठबंधन (MPSA) का गठन किया है. इसमें चार वामपंथी दलों के अलावा जनता दल-सेक्युलर भी कांग्रेस के साथ है.
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