मणिपुर में सुरक्षाबलों ने हिंसा से प्रभावित इलाकों में गश्त के दौरान वहां से विस्फोटकों के अलावा आईईडी से विस्फोट में इस्तेमाल होने वाले ‘रिमोट इनिशिएशन मैकेनिज्म' को बरामद किया है. सेना ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. सेना ने बताया कि असम राइफल्स ने राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर विभिन्न संगठनों द्वारा लगाए गए अवरोधों को हटाते हुए आवश्यक सामान लेकर इंफाल जा रहे ट्रकों के काफिले को सुरक्षा प्रदान की.
सेना की स्पीयर कोर ने कहा, ‘इंफाल पूर्व जिले की तलहटी में भारतीय सेना के गश्ती दल ने बुधवार को बुंगबल खुल्लेन गांव में विस्फोटक और आईईडी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘रिमोट इनिशिएशन मैकेनिज्म' को बरामद किया. उन्होंने बताया कि मौके से तीन किलोग्राम टीएनटी, 15 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, चार सर्किट और रिमोट फायरिंग डिवाइस भी मिले हैं.‘
सुरक्षाबलों ने कहा कि त्वरित कार्रवाई से बड़ा खतरा टल गया.
इस बीच, इंफाल घाटी में चावल, चीनी और दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है.
गौरतलब है कि मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च‘ के आयोजन के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें शुरू हो गई थी तथा सड़कें अवरुद्ध होने और भय के कारण ट्रांसपोर्टरों ने आवाजाही बंद कर दी थी.
रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा बल सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर वाहनों की आवाजाही की शुरुआत होना मणिपुर में सामान्य स्थिति की दिशा में एक और कदम है.
मणिपुर में हुए इस जातीय संघर्ष में 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी और पूर्वाेत्तर राज्य में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए लगभग 10,000 सैन्य और अर्ध-सैन्य कर्मियों को तैनात करना पड़ा.
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