मणिपुर : राहत शिविरों में रहने वाले 50 हज़ार लोगों को वहीं से मतदान की अनुमति मिलेगी: निर्वाचन आयोग

पिछले साल मई में मणिपुर में मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच शुरू हुए जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई.

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50,000 लोग अशांति के बाद शिविरों में रह रहे हैं.
नई दिल्ली:

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि हिंसा प्रभावित मणिपुर के राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को वहीं पर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान करने की अनुमति दी जाएगी. लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के दौरान मणिपुर से संबंधित एक सवाल के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ‘‘हम सभी व्यवस्थाएं करेंगे.''

उनका कहना था, ‘‘हमने एक योजना बनाई है, जिसे हमने अधिसूचित कर दिया है... शिविर में रहने वाले मतदाताओं को शिविर से ही मतदान करने की अनुमति दी जाएगी. जैसे जम्मू-कश्मीर के प्रवासियों के लिए एक योजना है... उसी तरह यह योजना मणिपुर में लागू की जाएगी.''कुमार ने कहा, ‘‘मतदाताओं को उनके शिविरों से मतदान करने की अनुमति दी जाएगी.''

उन्होंने कहा, ‘‘मतदाताओं से मेरी अपील है कि आइए, मत के माध्यम से निर्णय लें, शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव में भाग लें. हम व्यवस्था करेंगे.''

पिछले साल मई में मणिपुर में मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच शुरू हुए जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई.

अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने 25,000 से अधिक लोगों को बचाया है, जबकि लगभग 50,000 लोग अशांति के बाद शिविरों में रह रहे हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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