केरल में मंकीपॉक्स वाले लक्षण से संक्रमित एक शख्स की मौत के बाद राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि विदेश में किए गए टेस्ट का परिणाम पॉजिटिव था. उसका गंभीर थकान और एन्सेफलाइटिस के कारण त्रिशूर में इलाज किया जा रहा था. साथ ही मंत्री ने कहा कि मंकीपॉक्स एक घातक बीमारी नहीं है.उन्होंने कहा कि इलाज में देरी की जांच कराई जाएगी. मौत को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पुन्नयूर में भी एक बैठक बुलाई है. इस बीच, मृत युवक की संपर्क सूची और रूट मैप तैयार कर लिया गया है. संपर्क में आए लोगों को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है.
बताते चलें कि भारत में अब तक मंकीपॉक्स के पांच मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन मामले केरल से हैं, एक दिल्ली से है और दूसरा आंध्र प्रदेश के गुंटूर से है.दुनिया के कई देशों में मामले बढ़ने के बाद केंद्र सरकार की तरफ से अर्लट जारी की गयी है.एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा कि किसी भी तरह की घबराहट की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण है कि देश और समाज इसे लेकर सतर्क रहें. उन्होंने कहा, "अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन किसी को भी लक्षण दिखने पर समय पर रिपोर्ट करनी चाहिए."
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 78 देशों से 18,000 से अधिक मामले सामने आए हैं.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने समलैंगिकों और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने का हवाला देते हुए हाल में एक स्वास्थ्य परामर्श जारी किया था. डब्ल्यूएचओ ने पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों से अपने साथियों की संख्या सीमित रखने का आग्रह किया था.
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