उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में जान बचाने वाले एक युवक के घर पर रह रहे एक सारस को वन विभाग ने रायबरेली के समस्तपुर पक्षी विहार भेज दिया है. वन विभाग का दावा है कि सारस को पक्षी विहार भेजने से पहले युवक से रजामंदी ली गई थी, जबकि उसने इससे इनकार किया है. प्रभागीय वन अधिकारी डी.एन. सिंह ने बुधवार को बताया कि अमेठी के जामो विकास खंड के मंडखा निवासी आरिफ के पास रह रहे सारस को पक्षी विहार में भेजने के लिए विभाग की एक टीम ने उससे मुलाकात कर सहमति ली थी. उन्होंने बताया कि सारस को मंगलवार को रायबरेली के ऊंचाहार समस्तपुर पक्षी विहार भेज दिया गया है. उनके मुताबिक इस प्रकिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है.
इस बीच आरिफ ने बातचीत में कहा, ‘वन विभाग की टीम आई और कहा कि ऊपर से आदेश है और हम सारस को लेकर जाएंगे. वे उसे लेकर चले गए. हम किसान आदमी किसी से झगड़ा भी तो नहीं कर सकते.‘
इस सवाल पर कि प्रभागीय वन अधिकारी यह कह रहे हैं कि आपने उनसे कहा था कि अगर अकेले रहने से सारस को कोई परेशानी होती है तो आप उसे पक्षी विहार में भेजने को तैयार हैं, आरिफ ने कहा, 'नहीं हमने ऐसा कुछ नहीं कहा था.'
इस सवाल पर कि क्या वन विभाग की टीम ने सारस को ले जाने से पहले उनसे रजामंदी ली थी, आरिफ ने कहा, ‘अरे वह मेरे बच्चे की तरह था. क्या हम उसको ले जाने देते... आप ही बताइए?‘
गौरतलब है कि अमेठी जिले के जामो विकास खंड के मंडखा निवासी आरिफ को करीब एक साल पहले खेत में एक सारस घायल हालत में मिला था. आरिफ उसे अपने घर ले आया था और उसकी देखभाल की. धीरे-धीरे सारस पूरी तरह ठीक हो गया और आरिफ के साथ ही रहने लगा. आरिफ और सारस के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी आए थे.
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