बंगाल के अधिकारियों को निलंबित करने पर भड़कीं ममता, चुनाव आयोग को ये क्या कह दिया?

ममता बनर्जी ने कहा कि चुनावों में अभी काफी समय है, फिर भी उन्होंने लोगों को निलंबित करना शुरू कर दिया है. उन्होंने चुनाव आयोग और बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा.

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चुनाव आयोग पर भड़कीं ममता बनर्जी
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  • मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकारियों और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर के निलंबन पर विरोध जताया.
  • ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम करने और कर्मचारियों को डराने का आरोप लगाया है.
  • EC ने मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं के आधार पर 4 अधिकारियों को निलंबित किया था.
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कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों काफी गुस्से में हैं. वजह है बंगाल के अधिकारियों को निलंबित किया जाना. मतदाता सूची तैयार करने में कथित चूक को लेकर राज्य सरकार के चार अधिकारियों और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर को निलंबित करने के निर्वाचन आयोग (Mamata Banerjee On Electon Commission) के फैसले से वह खफा हैं. ममता ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने इस कदम की वैधता पर सवाल उठाया और आयोग पर भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को डराया धमकाया जा रहा है.

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चुनाव आयोग पर ममता का निशाना

ममता बनर्जी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारियों को कल निलंबन नोटिस दिया गया था. क्या अभी चुनावों की घोषणा हुई है? कौन सा कानून उन्हें इस समय निलंबित करने की अनुमति देता है. आप सभी की रक्षा करना हमारी ज़िम्मेदारी है. हम ऐसा करेंगे. हम उन्हें निलंबित नहीं करेंगे.ममता ने निर्वाचन आयोग पर सरकारी अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया और कहा कि उनका प्रशासन अपने कर्मचारियों के साथ खड़ा रहेगा.

ममता बनर्जी ने कहा कि चुनावों में अभी काफी समय है, फिर भी उन्होंने लोगों को निलंबित करना शुरू कर दिया है. उन्होंने निर्वाचन आयोग को बीजेपी का बंधुआ मजदूर करार देते हुए कहा कि वे अमित शाह और बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. गृह मंत्री को लगता है कि वे जो कहेंगे, वही होगा.

अधिकारियों के निलंबन पर भड़कीं ममता

ममता बनर्जी की यह टिप्पणी निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में चार अधिकारियों, दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) और दो सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर और एक अस्थायी कर्मचारी को निलंबित करने के एक दिन बाद आई है. इन अधिकारियों पर दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों के बरुईपुर पूर्व और मोयना विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची तैयार करते समय कथित रूप से अनियमितताएं बरतने का आरोप है.

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत को लिखे पत्र में निर्वाचन आयोग के सचिव सुजीत कुमार मिश्रा ने कहा कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दो निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूचियों में ‘गलत तरीके से नाम जोड़े जाने' का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट के आधार पर, आयोग ने बरुईपुर पूर्व के देबोत्तम दत्ता चौधरी (ईआरओ) तथागत मंडल (एईआरओ), मोयना के बिप्लब सरकार (ईआरओ) और सुदीप्त दास (एईआरओ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। एक डाटा एंट्री ऑपरेटर को भी निलंबित कर दिया गया.

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इनपुट-भाषा के साथ

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