विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद भाजपा-विरोधी गठबंधन के लिए क्षेत्रीय दलों से संपर्क साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस को साथ रखने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि अब उसमें वह बात नहीं रही.
बनर्जी के तीखे बयान पर तत्काल पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका (तृणमूल सुप्रीमो का) रूख समान है, एक (मोदी) ‘कांग्रेस मुक्त भारत' चाहते हैं और दूसरी (ममता) ‘कांग्रेस के बगैर विपक्ष के गठबंधन' की बात करती हैं.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भाजपा का मुकाबला करने को इच्छुक सभी राजनीतिक दलों को साथ मिलकर काम करना चाहिए. कांग्रेस पर निर्भर रहने का कोई मतलब नहीं है.'' उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस ‘‘पहले जीतने में सफल होती थी क्योंकि उसके पास संगठन था.''
हालांकि बनर्जी ने कहा, ‘‘लेकिन अब, वह हर जगह हार रही है. ऐसा नहीं लगता है कि अब उन्हें (जीतने में) कोई दिलचस्पी है. उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है और अब उनपर निर्भर रहने का कोई मतलब नहीं है.'' बनर्जी ने यह भी कहा कि कई मजबूत क्षेत्रीय पार्टियां हैं और वह एकजुट होकर ज्यादा प्रभावी होंगी.
देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम की बृहस्पतिवार को घोषणा हुई. इनमें से चार राज्यों-- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर-- में भाजपा को जीत मिली है जबकि पंजाब में अरविंद केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की.
पांचों राज्यों में कांग्रेस के प्रदर्शन के संबंध में सवाल करने पर बनर्जी ने कहा, ‘‘यह उन्हें तय करना होगा कि वे क्या करना चाहते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि भाजपा को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए. कांग्रेस का इंतजार करने का कोई मतलब नहीं है.''
यह पूछने पर कि क्या उनकी योजना विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की है, बनर्जी ने कहा, ‘‘दूसरों को तय करने दें.'' उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (द्रमुक) और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव (टीआरएस) के साथ पिछले महीने फोन पर बातचीत में यह प्रस्ताव किया था.
बनर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस गोवा कांग्रेस को हराने गई थी.
चौधरी ने कहा, ‘‘आज वह दुष्प्रचार कर रही हैं कि विपक्षी गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखा जाए. (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रहे हैं और दीदी कांग्रेस के बगैर विपक्ष के गठबंधन की गठबंधन की बात कर रही हैं.''
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