SIR की वजह से और कितनी जानें जाएंगी... BLO के आत्महत्या करने पर चुनाव आयोग पर भड़कीं ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा कि कृष्णानगर में एक और बीएलओ की मौत की खबर सुनकर बहुत सदमा लगा. उन्‍होंने चुनाव आयोग से सवाल किया कि और कितनी जानें जाएंगी? एसआईआर के लिए और कितने लोगों को मरना होगा?

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  • पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बीच एक बीएलओ की मौत \मामले ने तूल पकड़ लिया है.
  • मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आत्महत्या की घटना पर चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ी आलोचना की है.
  • बीएलओ रिंकू तरफदार ने सुसाइड नोट में कार्य दबाव और प्रशासनिक दबाव के कारण आत्महत्या की बात कही है.
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कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच एक और बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएलओ के सुसाइड पर चुनाव आयोग की आलोचना की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "कृष्णानगर में एक और बीएलओ, एक महिला शिक्षक की मौत की खबर सुनकर बहुत सदमा लगा. विधानसभा क्षेत्र छपरा (82) में बीएलओ रिंकू तरफदार ने अपने घर पर आत्महत्या करने से पहले अपने सुसाइड नोट में चुनाव आयोग को दोषी ठहराया है."

इसके बाद, मुख्यमंत्री ने पूछा कि एसआईआर की वजह से पश्चिम बंगाल में और कितनी जानें जाएंगी. ममता बनर्जी ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "और कितनी जानें जाएंगी? एसआईआर के लिए और कितने लोगों को मरना होगा? इस प्रोसेस के लिए हमें और कितनी लाशें देखनी पड़ेंगी? यह अब सच में बहुत चिंता की बात हो गई है."

काम के दबाव के कारण की आत्महत्या!

दावा है कि नादिया जिले की बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) रिंकू तरफदार ने कथित तौर पर राज्य में एसआईआर से जुड़े काम के दबाव के कारण आत्महत्या की. अपने सुसाइड नोट में रिंकू तरफदार ने कथित तौर पर अपनी चिंता जताई थी कि अगर उन्होंने बीएलओ का काम पूरा नहीं किया तो उन पर प्रशासनिक दबाव आएगा. पुलिस के मुताबिक, महिला बीएलओ ने सुसाइड नोट में कथित तौर पर लिखा था, "मैं प्रेशर नहीं झेल सकती."

SIR से जुड़ी आत्महत्या की दूसरी घटना

इस हफ्ते पश्चिम बंगाल में एसआईआर से जुड़ी आत्महत्या की यह दूसरी घटना है. इससे पहले जलपाईगुड़ी में शांति मुनि एक्का नाम की एक और महिला बीएलओ ने कथित तौर पर आत्महत्या की थी. यह घटना जलपाईगुड़ी के माल बाजार इलाके में हुई. एक्का की मौत के बाद भी मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग की आलोचना की थी.

वहीं, परिवार ने आरोप लगाया कि उसने अपनी जान देने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि वह एसआईआर के काम का दबाव नहीं झेल पा रही थी.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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