- पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने साल्ट लेक स्टेडियम में हुई अव्यवस्था पर गहरा दुख और नाराजगी जताई है.
- ममता बनर्जी ने लियोनल मेस्सी और खेलप्रेमियों से सार्वजनिक रूप से इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए माफी मांगी है.
- CM ने मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त जज आशीम कुमार रे की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साल्ट लेक स्टेडियम में हुई अव्यवस्था को लेकर गहरा दुख और नाराजगी जताई है. ममता बनर्जी ने कहा कि वह खुद हजारों खेलप्रेमियों और प्रशंसकों के साथ अपने पसंदीदा फुटबॉलर लियोनल मेस्सी की एक झलक पाने के लिए कार्यक्रम में शामिल होने जा रही थीं, लेकिन वहां जो अव्यवस्था देखने को मिली, उसने उन्हें स्तब्ध कर दिया.
मुख्यमंत्री ने लियोनल मेस्सी और सभी खेलप्रेमियों से इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे राज्य की छवि को ठेस पहुंची है.
जांच के लिए समिति गठित
ममता बनर्जी ने मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की है. यह समिति सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस (रिटायर्ड) आशीम कुमार रे की अध्यक्षता में गठित की गई है. समिति में राज्य के मुख्य सचिव और गृह एवं पहाड़ी मामलों के अतिरिक्त मुख्य सचिव को सदस्य बनाया गया है.
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जांच समिति को पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच करने, जिम्मेदारी तय करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी सुझाव देने का निर्देश दिया गया है.
खेलप्रेमियों से मांगी माफी
मुख्यमंत्री ने सभी खेलप्रेमियों से खेद जताते हुए भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्यों मचा बवाल?
बता दें कि फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी मेस्सी इन दिनों भारत दौरे पर हैं. सुबह वो कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे. फैंस की भारी भीड़ उमड़ी. लेकिन थोड़ी ही देर में यह भीड़ गुस्से से आगबूबला हो गई और ग्राउंड पर बोतलें फेंकने लगी. गुस्साए फैंस ने जमकर तोड़फोड़ मचाई. वजह थी कि वो अपने चहीते खिलाड़ी की एक झलक तक नहीं देख सके. फैन्स ने मिसमैनेजमेंट का आरोप लगाते हुए कहा, 'मेस्सी के आसपास सिर्फ नेता और अभिनेता ही थे... फिर हमें क्यों बुलाया गया... हमें 12 हजार का टिकट मिला, लेकिन हम उनका चेहरा तक नहीं देख पाए...'
'हमें पैसे वापस चाहिए'
एक अन्य फैन का कहना है, 'व्यवस्था, प्रबंधन, अधिकारियों का रवैया, सब कुछ बिलकुल बकवास था. यहां जितने भी लोग दिख रहे हैं, सब फुटबॉल के दीवाने हैं. हम सब मेस्सी को देखना चाहते थे, लेकिन यह पूरी तरह से धोखा था. हमें हमारे पैसे वापस चाहिए.'
45 हजार का टिकट खरीदकर जुटी भीड़
फैंस के गुस्से का मुख्य कारण मेस्सी के खेल को न देख पाने का है. कई फुटबॉल प्रेमी 45000 रुपये खर्च कर स्टेडियम तक पहुंचे थे.














