बिहार में मकर संक्रांति पर भोज देने की लगी होड़, राबड़ी आवास पर लालू की अनुपस्थिति में तेजस्वी करेंगे होस्ट

शनिवार को ही जनता दल यूनाइटेड की तरफ़ से इस बार पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भोज का आयोजन कर रहे हैं.

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बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव फाइल फोट
पटना:

मकर संक्रांति के बहाने इस बार बिहार में राजनेताओं में चूड़ा- दही, तिलकुट के भोज आयोजित करने की होड़ लगी है. सबसे अधिक चर्चा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित भोज का है. जिसमें सभी विधायकों, राज्य के सांसदों और राजनीतिक दल के अध्यक्ष के अलावा महागठबंधन के कार्यकर्ताओं को शनिवार को बुलाया गया है. पहली बार तेजस्वी अपने माता पिता राबड़ी देवी और लालू यादव के अनुपस्थिति में होस्ट के रूप में दिखेंगे. हालांकि उनका साथ देने के लिये पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. लेकिन दस सर्कुलर में आयोजित इस भोज में सबको लालू यादव की कमी खलेगी.

शनिवार को ही जनता दल यूनाइटेड की तरफ़ से इस बार पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भोज का आयोजन कर रहे हैं. कोरोना के पूर्व तक पार्टी की तरफ़ से इस भोज के आयोजन का ज़िम्मा वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह के ज़िम्मे होता था लेकिन उनके अस्वस्थ्य रहने के कारण इसकी ज़िम्मेवारी अब उपेन्द्र कुशवाहा को मिला है. जिन्होंने संघ, महागठबंधन के नेताओं के अलावा बीजेपी के भी कई नेताओं को निमंत्रण भेजा है.

मकर संक्रांति के दिन दो बड़े भोज के आयोजन के मद्देनज़र बीजेपी के तरफ़ से एक दिन पूर्व शुक्रवार को पहले विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा द्वारा उनके सरकारी आवास पर आयोजित किया गया हैं . और इसी दिन पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने भी एक भोज का आयोजन अपने आवास पर किया हैं.  एक दिन आगे पीछे इस भोज के आयोजन के पीछे बीजेपी नेताओं का तर्क है कि सब चाहते हैं कि उनके आयोजन में अधिक से अधिक लोग पहुंचे. बीजेपी नेताओं ने भी मुख्य मंत्री समेत उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को अपने भोज में निमंत्रण के अलावा निजी रूप से भी आने का आग्रह किया है.

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बिहार में मकर संक्रांति हो या रमज़ान के महीने में इफ़्तार का आयोजन हो सभी शीर्ष दलों या नेताओं द्वारा आयोजन किया जाता हैं. पिछले वर्ष तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित इफ़्तार में जैसे ही नीतीश कुमार पहुंचे थे उनके बाद बीजेपी नेता  शहनवाज़ हुसैन और डॉक्टर संजय जायसवाल भी पहुंच गए थे ताकि गठबंधन को लेकर गलत संदेश ना जाए.

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