ओडिशा के कोरापुट के शहीद लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में कुछ ही घंटों के अंतराल में गंभीर रूप से बीमार पांच मरीजों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मरीजों की मौत की वजह कथित तौर पर अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा गलत इंजेक्शन लगाना है. मरने वाले मरीज कोरापुट, बोरीगुम्मा, सेमिलीगुडा, मलकानगिरी और कालाहांडी सहित दक्षिण ओडिशा के विभिन्न हिस्सों से थे.
रिपोर्ट के अनुसार इन मरीजों को पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल और गंभीर निगरानी के लिए आईसीयू और सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया गया था. मंगलवार रात करीब 11 बजे आईसीयू में भर्ती तीन मरीजों और सामान्य सर्जरी बेड पर रखे गए दो अन्य मरीजों की थोड़े-थोड़े अंतराल पर मौत हो गई. उनके परिवारों का आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उनकी मौत से कुछ समय पहले मरीजों को दूसरे दौर का इंजेक्शन लगाया था.
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. इस घटना के बारे में पता चलने के बाद से ही अस्पताल परिसर में तनाव फैल गया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. चिकित्सा अधीक्षक सुशांत कुमार साहू ने पत्रकारों से कहा कि जब कोई मरीज गंभीर अवस्था में होता है, तो हमें कुछ इंजेक्शन देने पड़ते हैं. मुझे लगता है कि उस समय इंजेक्शन ने काम नहीं किया होगा. प्रोटोकॉल के अनुसार, जब किसी मरीज का रक्तचाप कम हो जाता है, तो हम दबाव को सामान्य करने के लिए वही इंजेक्शन देते हैं.हमने पूरे विभाग के HOD को लेकर एक प्राथमिक जांच कमेटी बनाई है, अगर किसी डॉक्टर की दवा, इंजेक्शन और इलाज में लापरवाही होगी तो उसके खिलाफ हम जरूर कार्रवाई करेंगे. अस्पताल के एमएस ने कहा कि अगर कोई इंजेक्शन या दवा एक्सपायरी पाई जाती है तो उस समय ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसका पता पोस्टमार्टम और पुलिस जांच के बाद ही सब कुछ पता चलेगा.