"छुट्टी पर आता था तो पहले गांव जाता था...", मेजर आशीष धोंचक का पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार

आशीष के गृह प्रवेश की दिली इच्छा को पूरा करने के लिए आशीष के पार्थिव शरीर को पहले नए मकान में ले जाया जाएगा. उसके बाद अंतिम संस्कार आशीष के पैतृक गांव बिंझौल में होगा.

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शहीद मेजर आशीष अपने पिता लाल चंद,माता कमला ,पत्नी ज्योति और बेटी वामिका के साथ
नई दिल्ली:

जम्मू के अनंतनाग में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए हरियाणा के पानीपत के मेजर आशीष धोंचक का पार्थिव शरीर दोपहर बाद पानीपत पहुंचने की उम्मीद है.आशीष का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बिंझौल में किया जाएगा. आशीष का परिवार पानीपत के सेक्टर 7 में एक किराए के मकान में रहता है. मिल रही जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि आशीष का पार्थिव शरीर पहले सेक्टर 7 के साथ टीडीआई सिटी में निर्माणधीन मकान में लाया जाएगा क्योंकि आशीष 13 अक्टूबर को अपने इस नए मकान में गृह प्रवेश करने के लिए छुट्टी पर आने वाला थे.परंतु अनहोनी ने उससे पहले ही सारी खुशियां छीन ली.

आशीष के पार्थिव शरीर को पहले उसके नए घर में ले जाया जाएगा

आशीष के गृह प्रवेश की दिली इच्छा को पूरा करने के लिए आशीष के पार्थिव शरीर को पहले नए मकान में ले जाया जाएगा. उसके बाद अंतिम संस्कार आशीष के पैतृक गांव बिंझौल में होगा. जानकारी के अनुसार आशीष का पार्थिव शरीर पहले राजौरी से हवाई मार्ग द्वारा दिल्ली में लाया जाएगा और दिल्ली से फिर सेना की एंबुलेंस द्वारा पानीपत में लाया जाएगा.

शहीद आशीष के बहनोई ने क्या कहा?

शहीद आशीष के बहनोई ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि आशीष बहुत हंसमुख इंसान था. जब छुट्टी पर आता तो पहले गांव जाता अपने दोस्तों से मिलता. मेरी बात हुई थी तो बोला था कि उसे सेना का मेडल मिला है , वो बहुत ख़ुश था.कह रहा था कि अभी कुछ आतंकी मारे हैं आगे और मारूंगा.बोला कि अपने जन्मदिन 23 अक्टूबर को अपने जन्मदिन पर आऊंगा. तब ही गृह प्रवेश करेंगे , पार्टी करेंगे और रात में माता का जागरण भी होगा. उसने बड़े मन से पानीपत के सेक्टर 7 में तीन मंज़िला घर बनवाया था. उसने परसों आख़िरी कॉल अपनी बहन को किया था.

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शहीद मेजर आशीष के बहनोई ने बताया कि आशीष की बहन ने बोला कि पिता जी 6 दिन अभी हॉस्पिटल में रहे हैं तो देखने आ जाओ.  तो बोला कि अभी कोई सर्च ऑपरेशन चल रहा है , ये बोल कर चला गया.कल हमें दोपहर में फ़ोन आया कि वो घायल है और शाम को हमें पता चला कि वो शहीद हो गए हैं .परिवार में उनकी पत्नी और दो साल की छोटी बेटी है.तीन बहनों के बाद सबसे छोटा था आशीष.

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