मध्य प्रदेश एटीएस ने कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. एटीएस ने मंगलवार को एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी कर संगठन से जुड़े 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का आरोप है कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश में अपना कैडर बनाना शुरू कर दिया था. उनके पास से पुलिस ने देश विरोधी दस्तावेज, तकनीकी उपकरण, कट्टरपंथी साहित्य और दूसरी सामग्री बरामद की है. एटीएस के मुताबिक,
हिज्ब उत तहरीर से जुड़े लोगों के ठिकानों पर कई जगहों पर मंगलवार सुबह छापेमारी की. मध्यप्रदेश एटीएस ने भोपाल से 10, छिंदवाड़ा से एक और हैदराबाद से पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एटीएस के मुताबिक, पुलिस से बचने के लिए आरोपी जिम ट्रेनर, कंप्यूटर टेक्निशयन, दर्जी, ऑटो ड्राइवर जैसे काम कर रहे थे. गिरफ्तार सदस्यों में से एक भोपाल के कोहेफिजा में एडुफोरम ट्यूटोरियल्स के नाम से कोचिंग सेंटर चला रहा था. वहीं आरोपी ड्रोन कैमरे से अपने टारगेट की रेकी करते थे.
'कैडर बनाना कर दिया था शुरू'
मध्यप्रदेश एटीएस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों ने राज्य में अपना कैडर बनाना शुरू कर दिया था. उनका मकसद देश की शासन प्रणाली को इस्लाम विरोधी बताकर नौजवानों को संगठन से जोड़ना था. आरोपी संगठन के सदस्यों को भड़काकर और हिंसा फैलाकर खिलाफत कायम करना चाहते थे. उनके पास से देश विरोधी दस्तावेज, तकनीकी उपकरण, कट्टरपंथी साहित्य और दूसरी सामग्री जब्त की गई है.
जंगल में जाकर करते थे ट्रेनिंग : ATS
एटीएस के मुताबिक, आरोपी गुपचुप जंगलों में जाकर क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग, निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थे. हैदराबाद से लोग आकर उन्हें ट्रेनिंग देते थे. गुपचुप तरीके से उन्हें भड़काऊ तकरीरें दी जाती थीं, आपस में बातचीत के लिये वो डार्क वेब के ऐप जैसे रॉकेट चैट, थ्रीमा का उपयोग करते थे. वो हिंसक प्रवृत्ति के युवकों की पहचान करते थे, जो संगठन के लिए जान देने से भी ना हिचकें.
जेहाद के लिए तैयार करने का मंसूबा
संगठन की योजना ज्यादा से ज्यादा नवयुवकों को जोड़कर उन्हें दूसरे धर्म के खिलाफ जेहाद के लिये तैयार करना था. संगठन के लोगों ने इसके लिए कई बड़े शहरों में टारगेट को चिह्नित किया था और उनकी ड्रोन से रेकी भी की गई थी और वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहे थे.
16 देशों ने लगाया है प्रतिबंध
कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब उत तहरीर को पहले तहरीक-ए-खिलाफत के नाम से जाना जाता था. इसका नेटवर्क दुनिया के 50 देशों में फैला है. 16 से अधिक देश उस पर प्रतिबंध लगा चुके हैं, जिसका मकसद देश में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के बजाए इस्लामिक शरिया कानून लागू करना है.
बता दें कि पिछले साल मार्च में मध्यप्रदेश एटीएस ने जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर 3 बांग्लादेशी आतंकियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों के खिलाफ यूएपीए और दूसरी धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.
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