महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पिछली सरकार के आरे में मेट्रो 3 कार शेड के निर्माण पर रोक लगाने और इसे 102 एकड़ के कांजुरमार्ग प्लॉट में स्थानांतरित करने के फैसले को पलट दिया है. हालांकि, इस फैसले को लेकर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे बहुत नाराज दिखे. उन्होंने सरकार से गोरेगांव उपनगर की हरित पट्टी आरे कॉलोनी में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना के साथ आगे नहीं बढ़ने की भी अपील की.इस इलाके को एमवीए सरकार ने संरक्षित वन घोषित किया था.
उद्धव ठाकरे ने भाजपा से यह भी कहा कि वह मुंबई को इस तरह धोखा न दे, जैसे कि उसने उन्हें ‘‘धोखा'' दिया था. उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र की नई सरकार द्वारा मेट्रो कार शेड को मुंबई के कांजुरमार्ग से आरे कॉलोनी में ले जाए जाने संबंधी कदम से दुखी हैं.
बता दें कि मंत्रिमंडल की पहली बैठक में शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य प्रशासन को कांजुरमार्ग के बजाय आरे कॉलोनी में मेट्रो-3 कार शेड बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रस्तावित कार शेड स्थल को आरे कॉलोनी से कांजुरमार्ग में स्थानांतरित कर दिया था, लेकिन यह फैसला कानूनी विवाद में फंस गया था. ठाकरे ने भाजपा से पूछा कि उसने पहले क्यों कहा कि ढाई साल पहले बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद लिए जाने के संबंध में कोई समझौता नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा मानती तो सत्ता परिवर्तन शालीनता और गरिमापूर्ण ढंग से होता.
वहीं कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मुंबई के आरे वनक्षेत्र में मेट्रो कारशेड निर्माण संबंधी एकनाथ शिंदे सरकार का फैसला शहर की जनता के लिए पहला झटका है और यह कदम लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने के समान है. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पर्यावरणीय क्षति (पेड़ों की कटाई और हरित क्षेत्र में निर्माण) को ध्यान में रखते हुए मेट्रो लाइन-3 के कारशेड को आरे के बजाय कांजुरमार्ग में बनाने का फैसला लिया गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘नवगठित सरकार आरे में कारशेड निर्माण को लेकर अड़ियल रवैया अपना रही है जो कि मुंबईकरों की सेहत के साथ खिलवाड़ है. पर्यावरणविद और मुंबईवासी इसके खिलाफ हैं और हजारों लोगों ने तत्कालीन फडणवीस सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया था.''
पटोले ने कहा, ‘‘हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, हम मुंबई मेट्रो परियोजना के खिलाफ नहीं हैं. मुंबईवासियों को आवाजाही में सुविधा प्रदान करने के मद्देनजर सबसे पहले कांग्रेस नीत सरकार ने ही मेट्रो परियोजना के निर्माण का फैसला लिया था. कांग्रेस विकास और पर्यावरण के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के पक्ष में है.''
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