जिस बाघ के नाखून से छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji maharaj) ने बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खान का पेट चीर शौर्य का परिचय दिया था, उनका दीदार अब देश की जनता भी कर सकेगी. एकनाथ शिंदे सरकार की कोशिशें रंग लाईं और आखिरकार यह 'वाघ नख' (Bagh Nakh) लंदन के म्यूज़ियम से भारत वापस ले आया गया. इन बाघ नाखूनों को महाराष्ट्र के सातारा म्यूजियम (Satara museum) रखा जाएगा. इसको शुक्रवार को सीएम शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम फडणवीस और पवार के साथ ही शिवाजी के वंशज उदयन राजे की मौजूदगी में महाराष्ट्र सरकार को सौंप दिया जाएगा.
'वाघ नख' से शिवाजी ने चीरा था अफजल खान का पेट
छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसी बाघ नाखून से अफजल खान की जान ली थी. 'वाघ नख' या बाघ के पंजे के आकार का हथियार बुधवार को लंदन के एक संग्रहालय से मुंबई लाया गया. इन वाघ नख को सात महीने तक सतारा के छत्रपति शिवाजी संग्रहालय (संग्रहालय) में रखा जाएगा. इतिहास पर नजर डालें तो 1659 में बीजापुर सल्तनत के जनरल अफ़ज़ल खान को मारने के लिए मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज ने इसी वाघ नख का इस्तेमाल किया था.
लंदन से भारत लाया गया शिवाजी का 'वाघ नख'
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया था कि छत्रपति शिवाजी द्वारा इस्तेमाल किया गया बाघ के पंजे के आकार का हथियार ‘वाघ नख' बुधवार को लंदन के एक संग्रहालय से मुंबई लाया गया. इस वाघ नख को अब पश्चिम महाराष्ट्र के सतारा ले जाया जाएगा, जहां 19 जुलाई से इसका प्रदर्शन किया जाएगा. हालांकि उन्होंने कोई और जानकारी नहीं दी. राज्य के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने मंगलवार को कहा था कि वाघ नख का सतारा में भव्य स्वागत किया जाएगा.
'बुलेट प्रूफ' कवर में रखा जाएगा 'वाघ नख'
उन्होंने पत्रकारों को बताया था कि लंदन के एक संग्रहालय से लाए जाने वाले इस हथियार में 'बुलेट प्रूफ' कवर होगा. उन्होंने बताया कि इसे सात महीने के लिए सतारा के एक संग्रहालय में रखा जाएगा. सतारा के संरक्षक मंत्री देसाई ने कहा कि महाराष्ट्र में वाघ नख का लाया जाना प्रेरणादायक क्षण है और इसका सतारा में भव्य स्वागत किया जाएगा.