शरद पवार की पार्टी को चुनाव आयोग ने दिया नया निशान चिह्न 'तुरहा बजाता हुआ व्यक्ति'

एनसीपी शरदचंद्र पवार ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि महाराष्ट्र के इतिहास में दिल्ली की गद्दी के कान खड़े करने वाले छत्रपति शिवराय का शौर्य आज 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरद चंद्र पवार' के लिए गौरव का विषय है.

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मुंबई/नई दिल्ली:

शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी 'NCP शरद चंद्र पवार' को चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से नया निशान मिल गया है. नए चुनाव चिह्न में एक व्यक्ति को 'तुरहा' बजाते हुए देखा जा रहा है. 'तुरहा' एक पारंपरिक शहनाई होती है. महाराष्ट्र में इसे 'तुतारी' बोलते हैं. नया पार्टी सिंबल मिलने पर एनसीपी शरदचंद्र पवार ने कहा कि ये हमारे लिए गर्व की बात है. पार्टी लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) में नए नाम और नए निशान के साथ उतरेगी.

NCP शरदचंद्र पवार ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि महाराष्ट्र के इतिहास में दिल्ली की गद्दी के कान खड़े करने वाले छत्रपति शिवराय का शौर्य आज 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरद चंद्र पवार' के लिए गौरव का विषय है. 

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NCP शरद चंद्र पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के आदर्श, फुले, शाहू, अम्बेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रगतिशील विचारों के साथ, यह 'तुतारी' शरद पवार के साथ दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए एक बार फिर से बिगुल बजाने के लिए तैयार है.

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चुनाव आयोग ने अजित गुट को माना रियल NCP
6 फरवरी को चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली NCP माना था. आयोग ने कहा था कि बहुमत के आधार पर अजित गुट ही असली NCP है. लिहाजा इस गुट को पार्टी का नाम और 'घड़ी' निशान का इस्तेमाल करने का अधिकार है.

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7 फरवरी को शरद पवार गुट को मिला था नया नाम
इसके बाद चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को 7 फरवरी नया नाम दिया था. पार्टी अब NCP शरदचंद्र पवार के नाम से जानी जाती है. 7 फरवरी को शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग को ​पार्टी के लिए तीन नाम भेजे थे. नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (S), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार. इनमें से चुनाव आयोग ने तीसरा नाम अलॉट किया.

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चुनाव चिह्न को लेकर शरद पवार गुट ने तीन सिंबल चुनाव आयोग को प्रस्तावित किए थे. इनमें बरगद का पेड़, उगता हुआ सूरज और कप-प्लेट शामिल हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने अपनी तरफ ने नया सिंबल दिया है.

बगावत कर शिंदे सरकार में शामिल हुए थे अजित पवार
अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे. उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था. गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया है. इसके बाद अजित ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था. उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था. अजित का कहना था कि मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था.

NCP के नाम-निशान भी किया था दावा
अजित पवार ने चुनाव आयोग में NCP के नाम-निशान पर अपना दावा जताते हुए 30 जून को लेटर भेजा था. वहीं, शरद गुट के नेता जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित समेत 9 मंत्रियों सहित 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. 10 महीने बाद चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को फैसला सुनाया था.

अजित पवार ने दायर की है कैविएट
महाराष्ट्र में असली NCP की लड़ाई को लेकर शरद पवार को राहत नहीं मिल पाई है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के अजित पवार गुट को असली NCP बताने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि वह इस मामले में शरद पवार की याचिका का परीक्षण करने को तैयार है. अदालत ने अजित पवार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी. 


 

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