नागपुर से गोवा की दूरी 18 नहीं 8 घंटे में होगी पूरी, महाराष्ट्र शक्तिपीठ हाइवे 12 जिलों को जोड़ेगा

महाराष्ट्र शक्तिपीठ हाईवे राज्य के 12 जिलों वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, बीड, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग को जोड़ेगा.

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प्रतीकात्मक फोटो

महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए. आज हुई कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र शक्तिपीठ हाईवे (हाई स्पीड एक्सप्रेसवे) परियोजना को गति देने के लिए 20,787 करोड़ रुपए के प्रावधान को मंजूरी दी गई, जो राज्य के पूर्व में पवनार (वर्धा जिला) से लेकर पश्चिम में पात्रा देवी (सिंधुदुर्ग जिला) तक महाराष्ट्र-गोवा सीमा को जोड़ेगा. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की. राज्य के 12 जिलों को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेसवे 802.592 किलोमीटर लंबा होगा.

महाराष्ट्र शक्तिपीठ हाईवे राज्य के 12 जिलों वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, बीड, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग को जोड़ेगा. बाद में इसे गोवा-महाराष्ट्र सीमा पर कोंकण एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. यह राजमार्ग राज्य के प्रमुख शक्तिपीठों माहुर, तुलजापुर और कोल्हापुर के साथ-साथ अम्बेजोगाई तीर्थ स्थलों को जोड़ेगा. साथ ही संत मुकुंदराज स्वामी, जोगाई देवी और 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 औंधनागनाथ और परली वैजनाथ के मंदिर, पंढरपुर में श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर, महाराष्ट्र के सबसे पवित्र स्थान करंजा-लाड, अक्कलकोट, गंगापुर, नरसोबाची वाड़ी, औदुम्बरा और दत्त गुरु के अन्य धार्मिक स्थानों को जोड़ा जाएगा. 

यह राजमार्ग नागपुर से गोवा की यात्रा के समय को 18 घंटे से घटाकर 8 घंटे कर देगा। इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए हुडको द्वारा 12,000 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है. इस निधि से लगभग 7,500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी यह राजमार्ग महाराष्ट्र के शक्तिपीठों को जोड़ने का एक प्रयास है और इसका उद्देश्य इसके माध्यम से पर्यटन, परिवहन और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है.

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