अजित पवार 30 जून को पार्टी अध्‍यक्ष चुने गए थे...? जानिए- क्‍या कहती है NCP की Rulebook

एनसीपी संविधान के तहत, पार्टी के शीर्ष पद के लिए एक उम्मीदवार का नाम 10 सदस्यों द्वारा प्रस्तावित किया जाना होता है. कार्यसमिति को नाम जमा करने की तारीख तय करनी होगी.

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आपातकालीन प्रावधान में पार्टी अध्यक्ष की अनुपस्थिति में सबसे वरिष्ठ महासचिव को आगे आना होगा
नई दिल्‍ली:

राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अब अध्‍यक्ष पद को लेकर खींचतान देखने को मिल रही है. एनसीपी की नियम पुस्तिका के अनुसार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख के चयन की प्रक्रिया रातोंरात होने वाली नहीं है. यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष (शरद पवार) को पूरी तरह से शामिल होना होगा, क्योंकि वह कार्य समिति का हिस्सा हैं. अध्‍यक्ष के चुनाव के लिए आवश्यक समयसीमा को देखते हुए, अजित पवार को पार्टी प्रमुख के रूप में चुनने की प्रक्रिया(जो गुट के अनुसार 30 जून को हुई) कम से कम दो सप्ताह पहले शुरू होनी चाहिए थी.

एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्‍यू के दौरान शरद पवार के पूर्व वफादार और अब विद्रोही गुट के प्रमुख नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि खेमा बदलने का निर्णय पिछले सप्ताह लिया गया था. इससे अजित पवार गुट को पूरी प्रक्रिया से गुजरने के लिए ठीक पांच दिन का समय मिल जाता है. एनसीपी संविधान के तहत, पार्टी के शीर्ष पद के लिए एक उम्मीदवार का नाम 10 सदस्यों द्वारा प्रस्तावित किया जाना होता है. कार्यसमिति को नाम जमा करने की तारीख तय करनी होगी. रिटर्निंग ऑफिसर को एक निश्चित तिथि तक प्रस्ताव मिल जाना चाहिए और पार्टी अध्यक्ष इसमें शामिल होना चाहिए, क्योंकि वह कार्य समिति के सदस्य हैं.

उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक किए जाने और मतदान की तारीख के बीच कम से कम सात दिन का अंतर होना चाहिए. नियम यह भी कहते हैं कि राज्य समितियों के मतदान के बाद, मतपेटियों को राष्ट्रीय समिति को भेजा जाना चाहिए, जिसमें फिर से, पार्टी अध्यक्ष एक हिस्सा है. एक आपातकालीन प्रावधान भी है, जो कहता है कि पार्टी अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, सबसे वरिष्ठ महासचिव को आगे आना होगा. लेकिन यह ज्ञात नहीं है कि इनमें से किसी भी नियम का पालन किया गया था या नहीं?

शरद पवार ने कहा है कि वह विद्रोहियों की योजनाओं के बारे में पूरी तरह से अंधेरे में थे. उन्होंने चुनाव आयोग को भी पत्र लिखकर सवाल उठाया है कि उन्हें यह क्यों नहीं बताया गया. इधर, अजित पवार गुट ने उन्हें पत्र लिखकर पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया है.

शरद पवार ने कहा, "हम माननीय आयोग से यह स्पष्ट करने का अनुरोध करेंगे कि क्या अजित पवार द्वारा कथित याचिका वास्तव में 30.06.2023 को दायर की गई थी या 05.07.2023 को? कुछ समाचार रिपोर्टों के अनुसार, 30.06.2023 की पिछली तारीख में दायर की गई थी. सही जवाब मिलना, हमारे लिया बेहद महत्वपूर्ण है."

पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, अजित पवार काफी जोश में दिखे. उन्होंने कहा, "मैं एनसीपी का अध्यक्ष हूं, अगर कोई कहता है (कि वह अध्यक्ष हैं) तो यह पूरी तरह से झूठ है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है. अगर कोई (अजित पवार) कुछ कहता है, तो इसका कोई महत्व नहीं है... प्रफुल्ल और अन्य लोगों की मेरे खिलाफ जाने की योजना... मुझे इसके बारे में पता नहीं था. अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है, उसे फैसला करना है."

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शरद पवार ने अपने भतीजे द्वारा उनकी उम्र को लेकर किए गए तंज का जवाब देते हुए कहा, "मैं अभी तक प्रभावी हूं, चाहे मैं 82 साल का हो जाऊं या 92 साल का."

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