महाराष्ट्र की राजनीति में हर दिन दिलचस्प घटनाएं घट रही हैं. रविवार को अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) से बगावत के बाद अजित पवार ने अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर अपना दावा ठोका है. उन्होंने पार्टी के नाम और निशान (चुनाव चिह्न) मांगने के लिए चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है. वहीं, अजित पवार (Ajit Pawar ) ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए शरद पवार को राजनीति में रुकने की सलाह दी. अजित पवार ने कहा, "आप 83 साल के हो गए हैं. आप कभी रुकेंगे या नहीं? हम सरकार चला सकते हैं. हम में ताकत है. फिर हमे मौका क्यों नहीं देते हैं? किसी भी घर में मुखिया 60 साल के बाद रिटायर होते हैं और अपने बेटों को आगे बढ़ाते हैं. वो बच्चों को आशीर्वाद देने का काम करते हैं. फिर आप ऐसा क्यों नहीं करते?"
बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी के MET सेंटर में हुई बैठक में अजित पवार ने कहा, "हमने ये कदम क्यों उठाया? यह बड़ा सवाल है. शरद पवार हमारे नेता और गुरु हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है. लेकिन आज देश में जिस तरह की राजनीति हो रही है, वह देखने की जरूरत है. हम एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों के लिए काम करना चाहते हैं. उनके लिए काम करना हमारा सपना है. वह सीएम कैसे बने? तब भी वही स्थिति पैदा हुई. वसंतदादा पाटिल की सरकार का पतन हुआ और शरद पवार ने PULOD का गठन किया. 1978 में वो सीएम बने."
मैंने पार्टी के लिए जी-तोड़ मेहनत की-अजित पवार
उन्होंने कहा, "1980 में कांग्रेस की सुनामी आई. इंदिरा गांधी फिर देश की पीएम बनीं. इतिहास देखिए देश को करिश्माई नेतृत्व की जरूरत है. अब कहां हैं जनता पार्टी, जो 77 में सत्ता में थे, वे अब कहीं नहीं हैं. क्योंकि उनके पास करिश्माई नेतृत्व नहीं है." अजित पवार ने कहा, "1999 में पवार साहब ने कहा था कि सोनिया गांधी विदेशी हैं. वह हमारी पीएम नहीं हो सकतीं. हमने पवार साहब की बात सुनी. भुजबल साहब ने शिवाजी पार्क में रैली की. हमने महाराष्ट्र में जाकर प्रचार किया और हमने 75 सीटें जीतीं. सभी को महत्वपूर्ण विभाग मिले. लेकिन मुझे कृष्णा खोरे महामंडल मिला, जो 6 जिलों तक सीमित था. लेकिन मैंने लगातार काम किया. शासन-प्रशासन पर मेरी पकड़ बनाई."
इस्तीफा वापस लेने पर जताई आपत्ति
अजित पवार ने कहा, "आपने (शरद पवार) पहले इस्तीफा दिया, फिर कमेटी बनाई और सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया. जब इस्तीफा वापस लेना ही था, तो दिया ही क्यों था." उन्होंने आगे कहा, "2004 के विधानसभा चुनाव में NCP के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे. अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता."
अजित पवार ने कहा, "हम इतने दिन साहब की छाया में थे, लेकिन हम सबका अपना भी एक मत है. हमें शिवाजी के सपने को साकार करना है. साहब (शरद पवार) 1962 में राजनीति में आए, 38 की उम्र में उन्होंने कई काम किए."
मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं-अजित पवार
अजित पवार ने कहा, "मैं भी राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं. राज्य की भलाई करने के लिए राज्य प्रमुख का पद होना जरूरी है. तभी मैं महाराष्ट्र की भलाई कर पाऊंगा." उन्होंने कहा, "अगर इतिहास देखो तो लोकशाही में ऐसा कई बार हुआ. हमने हर बार साहब का साथ दिया. दोस्तों सभी का समय होता है. नेता ने जब-जब जैसा बोला हमने किया. आज जो कुछ भी हूं, साहब की वजह से ही हूं."
2024 के चुनाव में मोदी जी ही आएंगे-अजित पवार
अजित पवार ने कहा, "2024 के चुनाव में भी मोदी जी ही आएंगे. मुझे ऐसा लगता है. काम करने के लिए पद होना चाहिए. NCP का 2004 में आंकड़ा 71 था. मैं उसे इसके आगे ले जाउंगा. हमें भी सभा लेनी होगी अगर मैं चुप बैठा तो लोग सोचेंगे इसमें कुछ खोट है. मुझमें खोट नहीं है."
शरद पवार के गुट की भी मीटिंग जारी
इधर, शरद पवार गुट की भी बैठक चल रही है. इस बैठक में महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अजित पवार समेत 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है.
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