महाराष्ट्र: मां ने बताया कितने दर्द में थी बेटी, 100 उठक-बैठक करने के बाद गई जान, केस दर्ज

घटना 8 नवंबर की बताई जा रही है. उस दिन छात्रा स्कूल कुछ देर से पहुंची थी, जिसके चलते शिक्षिका ने उसे और कुछ अन्य छात्रों को स्कूल बैग कंधे पर रखकर 100 बार उठक-बैठक करने की सजा दी.

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परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर बच्चे को परेशान करने का आरोप लगाया, जिससे बच्चे की मौत हो गई है.
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  • पालघर जिले में एक निजी स्कूल की छठवीं कक्षा की छात्रा को देर से आने पर 100 बार उठक-बैठक की सजा दी गई.
  • छात्रा की तबीयत स्कूल से लौटने के बाद तेजी से बिगड़ी और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी.
  • पुलिस ने शिक्षिका ममता यादव के खिलाफ गंभीर अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
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पालघर:

महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक निजी स्कूल की छठवीं कक्षा की छात्रा को देर से स्कूल पहुंचने पर कथित तौर पर 100 बार उठक-बैठक करने की सजा दी गयी, जिसके लगभग एक सप्ताह बाद उसकी मौत हो गई. लड़की का आयु 13 साल की थी. इस मामले में अब पुलिस ने  उठक-बैठक की सजा देनेवाली शिक्षिका ममता यादव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. छात्रा की इलाज के दौरान मौत के बाद पहले एडीआर दर्ज किया गया था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों की शिकायत के आधार पर अब शिक्षिका के खिलाफ बीएनएस की धाराओं में गंभीर अपराध दर्ज किया गया है.

बच्ची की तबीयत तेजी से बिगड़ी

वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दिलीप घुगे ने बताया कि 8 नवंबर को देर से आने पर शिक्षक ने कई बच्चों को 100 उठक-बैठक की सजा दी थी. बैग कंधे पर लटकाए हुए यह 13 वर्षीय छात्रा भी सजा पूरी करती रही. घर लौटने के बाद बच्ची की तबीयत तेजी से बिगड़ी. परिजनों ने पहले वसई के अस्पताल में भर्ती कराया, फिर हालत गंभीर होने पर उसे मुंबई के जे.जे. अस्पताल रेफर किया गया, जहां कई दिनों तक जिंदगी से जूझने के बाद उसकी मौत हो गई.

क्या है पूरा मामला

  • महाराष्ट्र के वसई में एक 13 वर्षीय छात्रा की संदिग्ध मौत ने स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग को सकते में डाल दिया.
  • परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर बच्चे को परेशान करने का आरोप लगाया, जिससे बच्चे की मौत हो गई है.
  • यह घटना वसई पूर्व के सातिवली स्थित श्री हनुमंत विद्या मंदिर की है, जहां कक्षा 6 में पढ़ने वाली छात्रा की हालत स्कूल से लौटने के बाद अचानक खराब हो गई थी.
  • घटना 8 नवंबर की बताई जा रही है. उस दिन छात्रा स्कूल कुछ देर से पहुंची थी, जिसके चलते शिक्षिका ने उसे और कुछ अन्य छात्रों को स्कूल बैग कंधे पर रखकर 100 बार उठक-बैठक करने की सजा दी थी.
  • छात्रा की मौत के बाद परिवार ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सजा की वजह से ही उनकी बच्ची की जान गई. वे इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

"काफी दर्द में थी मेरी बेटी"

मां की बेटी ने बताया कि मेरी बच्ची लेट थी, इसलिए उसे कई दूसरे स्टूडेंट्स के साथ बैग लटकाकर उठक-बैठक करने पड़े. मेरी बेटी ने यह नहीं बताया कि उसे कितने उठक-बैठक करने पड़े. लेकिन, बच्चों ने जो बताया, उसके हिसाब से कुछ ने 100, कुछ ने 50 और कुछ ने 60 किए. मेरी बेटी ने भी वही किया. जब मेरी बेटी शाम को पांच बजे घर आई, तो उसने कहा कि उसकी पीठ में दर्द हो रहा है... पूछने पर उसने मुझे बताया कि क्या हुआ... तब से उसकी दिक्कतें बढ़ती गईं, और आखिर में उसकी मौत हो गई... पहले हमने उसे आस्था हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने कहा कि वे उसे दवाएं दे रहे हैं, और उठक-बैठक की वजह से वह घबरा गई थी. उन्होंने मुझे यह भी बताया कि उसकी पीठ अकड़ गई है और उसे कोई बीमारी नहीं है..."

इसके बाद, मैं उसे विजय लक्ष्मी हॉस्पिटल ले गई, जहां उन्होंने मेरी बेटी को ICU में रखा... सर (स्कूल मैनेजर राम आसरे यादव) वहां गए और हॉस्पिटल की फीस के बारे में पूछा... बाद में, सर ने मुझे जल्द से जल्द वहां से निकलने के लिए कहा. तो मैंने उनसे कहा कि जब तक डॉक्टर की फीस का पेमेंट नहीं हो जाता, हम यहां से कहीं नहीं जा सकते. मैंने सर से कुछ पैसे भेजने को कहा. इस पर सर ने जवाब दिया कि उनके पास एक भी पैसा नहीं है... मेरे पति से बात हुई, तो उन्होंने कहा कि उनके पास एम्बुलेंस के लिए कैश तैयार है... एम्बुलेंस ड्राइवर ने बीच में ही रोक दिया और हमसे कहा कि जब तक उसे पैसे नहीं मिल जाते, वह आगे बढ़ेगा. तो, हमने सर से गूगल पे से पैसे भेजने को कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद, एक डॉक्टर ने एम्बुलेंस का पेमेंट कर दिया.

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