कांग्रेस ने पार्टी जनादेश के बावजूद महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने में विफल रहने पर अपने नेता सुधीर तांबे को रविवार को निलंबित कर दिया. तांबे ने नामांकन पत्र भरने के बजाय अपने बेटे सत्यजीत को नासिक संभाग स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है. इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पार्टी 30 जनवरी को होने वाले चुनावों के लिए नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन सोमवार को आधिकारिक रूप से चुनाव लड़ने वाले एक निर्दलीय उम्मीदवार (सत्यजीत तांबे नहीं) को अपना समर्थन देने की घोषणा करेगी.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के सदस्य-सचिव तारिक अनवर ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अनुमति से सुधीर तांबे को जांच लंबित रहने तक पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. सुधीर तांबे ने कहा, 'मुझे इस घटनाक्रम पर कुछ टिप्पणी नहीं करनी है. मैंने कुछ समय के लिए इस मुद्दे पर न बोलने का फैसला किया है.'
उन्होंने ट्वीट किया, 'कांग्रेस ने मेरे बारे में जो कदम उठाया है, वह सही नहीं है. जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी. मैं न्याय में विश्वास करता हूं.' इस बीच, उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि तांबे प्रकरण में उनकी कोई भूमिका नहीं है.फडणवीस ने यह भी कहा कि सत्यजीत तांबे को समर्थन देना है या नहीं, इस पर फैसला भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले उचित समय पर करेंगे.
उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में आगामी विधान पार्षद (एमएलसी) चुनावों में सत्यजीत तांबे के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने के मुद्दे से और अधिक व्यवस्थित तरीके से निपटा जा सकता था और विवाद से बचा जा सकता था.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)