महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि वह प्राइवेट अस्पतालों को कोविड-19 वैक्सीन वापस लेगी और इनहें राज्य सरकार के हेल्थ सेंटर के जरिये इस डोज को लोगों को दिलाएगी. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश पर अमल करते हुए यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, ' केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार टीकाकरण अभियान के लिए निजी अस्पतालों को दी गई वैक्सीन को वापस लेने जा रही है. इन डोज को राज्य सरकार के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के जरिये लाभार्थियों को लगाया जाएगा.'
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केंद्रू सरकार के निर्देशों के तहत 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए 1 मई से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान को लेकर उन्होंने कहा, 'हमें वैक्सीनेशन सेंटर की संख्या को कम करने की जरूरत है ताकि रोजाना लेागों को डोज बिना किसी रुकावट के दी जा सके.'उन्होंने कहा कि वैक्सीन निर्माताओं ने हमें बताया है कि 18 लाख तक वैक्सीन vials महाराष्ट्र को मई माह तक सप्लाई किए जाएंगे. इस स्थिति में सरकार, कोरोना के खिलाफ टीकाकरण के लिए हर जिले में एक सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है.
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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पहले से अपॉइंटमेंट लेकर लोग वैक्सीननेशन सेंटर पर जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से भीड़ से बचा जा सकेगा और सभी को डोज मिल सकेगा.टोपे ने कहा, 'जब तक वैक्सीन की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो जाती, हम आबादी के लिहाज से टीकाकारण की कवरेज को नहीं बढ़ा सकते. इस बारे में मुख्यमंत्री की ओर से विस्तार से जानकारी दी जाएगी.टीका खरीद नीति के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘विनिर्माताओं से केंद्र कुल शीशियों (vials) में से 50 प्रतिशत खरीदने जा रहा है. अब, महत्वपूर्ण सवाल यह है कि शेष 50 प्रतिशत कोटे से टीके किसे प्राप्त करने चाहिए, जिसकी बिक्री सीधे राज्य सरकारों और अस्पतालों को किए जाने की केंद्र ने अनुमति दी है. मुझे लगता है कि केंद्र सरकार को यहां भी हस्तक्षेप करना होगा.'' उन्होंने कहा कि हर राज्य में महामारी के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहा है, इसलिए केंद्र को कोई ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे हर राज्य को बराबर मात्रा में टीके मिल सकें.
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