महाराष्ट्र सरकार ने मानी सभी मांगे तो मनोज जरांगे पाटिल ने खत्म किया प्रदर्शन

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल की सभी मांगों को महाराष्ट्र सरकार ने मान लिया है. सरकार ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वो उनकी सभी मांगों को जल्द ही पूरा करेंगे.

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मनोज जरांगे पाटिल ने खत्म किया अपना आंदोलन

नई दिल्ली:

मराठा आरक्षण को लेकर विरोध कर रहे नेता मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी सभी मांगें स्वीकार किए जाने के बाद आज अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया. पाटिल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार से मुंबई में भूख हड़ताल पर थे. बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल की मांगों में सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाण पत्र, किंडरगार्टन से स्नातकोत्तर स्तर तक मुफ्त शिक्षा और सरकारी नौकरी की भर्तियों में मराठों के लिए सीटें आरक्षित करना शामिल था. उन्होंने कहा कि अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाणपत्र दिए जा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख के ऊपर तक जाएगी. कुनबी का तात्पर्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से है. 

मराठा समाज के 54 लाख लोगों का रिकॉर्ड मिला है

इस मौके पर मनोज जरांगे ने कहा कि जो 54 लाख मराठा समाज का रिकॉर्ड मिला था. उनके परिवार को भी जल्दी से कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाए. इसके साथ ही जिसका रिकॉर्ड मिला है उनके सगे संबंधी को भी ये प्रमाण पत्र दिए जाएं. इसके लिए हम संघर्ष कर रहे थे. मै शिंदे साहब को कहना चाहता हूं कि जो संघर्ष और बलिदान हुआ है. अभी तक 350 से ज्यादा युवकों के बलिदान जिसके किया उस स्वप्न को पूरा करने की जिम्मेदारी मराठा समाज की है.

मुख्यमंत्री साहब ने कल इसका राजपत्र और अध्यादेश निकाला उसके लिए उनका धन्यवाद.शिंदे साहब से एक ही अपील है कि जो सगे संबंधी का अध्यादेश निकाला है जो राजपत्र निकाला है. जिसका कुनबी रिकॉर्ड मिला है उनकेघर के अभी सगे संबंधी को भी उसी आधार पर कुनबी का प्रमाण पत्र मिले. उनका शपथ पत्र लेकर काम शुरू करें.

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मराठा बंधुओ को मेरी हाथ जोड़ कर विनती है. यहां से अपनी गाड़ियों से गांव की तरफ जाना है. गांव में जाकर जश्न मनाना है. ये विजय मराठा समाज की है. मै शब्द देता हूं कि अगर इस आरक्षण को कोई धोखा हुआ तो मैं खुद आजाद मैदान पर जाकर बैठूंगा.

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सीएम ने भी किया वादा

राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आज विजय का दिवस है. गुलाल उड़ाने का दिन है. इस आंदोलन के दौरान जिनकी भी मौत हुई है उन्हें भी मुआवजा दिया गया है. नौकरी भी दी जाएगी. सरकार सभी वादे पूरा करेगी, मैं इसका वजन देता हूं. आप से अपील है कि आप वापसी की यात्रा संभाल कर करें. सरकार आपके साथ है. सीएम ने कहा कि एकनाथ शिंदे अपना वचन पूरा करते हैं. 

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राज्य सरकार को दी थी चेतावनी

बता दें कि मराठा आरक्षण एक्टिविस्‍ट नेता मनोज जरांगे ने राज्य सरकार को उनकी मांग स्वीकार करने के लिए शनिवार यानि आज दोपहर 12 बजे तक की समय सीमा दी थी. जारांगे ने यह भी कहा था कि सरकार को आज रात तक एक अध्यादेश जारी करना चाहिए. मराठा आरक्षण एक्टिविस्‍ट ने मांग पूरी न होने पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के लिए मुंबई के आज़ाद मैदान तक मार्च करने की धमकी दी है. 

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बड़े आंदोलन की थी तैयारी

सरकार को अल्टीमेटम देते हुए मनोज जारांगे ने कहा था कि मैं कल दोपहर यानी शनिवार 12 बजे अपना फैसला लूंगा, लेकिन अगर मैं आजाद मैदान के लिए निकलूंगा, तो इसे वापस नहीं लूंगा. अगर सरकार नहीं मानी, तो हम दिखा देंगे कि हम क्या कर सकते हैं." उन्होंने कहा है कि जब तक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं दिया जाता, प्रदर्शनकारी बीच में आंदोलन नहीं रोकेंगे, जबकि महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि कार्यकर्ता की मांगें स्वीकार कर ली गई हैं.

गौरतलब है कि मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को कहा था कि जब तक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक वह अपना आंदोलन बीच में समाप्त नहीं करेंगे, जबकि महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने दावा किया कि कार्यकर्ता की मांगें स्वीकार कर ली गई हैं. जरांगे एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद पड़ोसी नवी मुंबई के वाशी इलाके में शिवाजी चौक पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे थे.

राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने संवाददाताओं से कहा कि जरांगे की मांगें मान ली गई हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र दिये जा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख तक जायेगी.