सिर्फ ढाई रुपये मुआवजा! 11 एकड़ में किसान की फसल डूबी, महाराष्ट्र सरकार ने दी सफाई

बीमा कंपंनी के इस मुआवजे पर सियासी प्रतिक्रियाएं भी तेज हैं. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह एक मज़ाक है कि पालघर के किसानों को फसल बीमा मुआवजे के तौर पर केवल दो रुपये और कुछ पैसे मिले हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Mumbai crop compensation
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • महाराष्ट्र के पालघर जिले के किसान को फसल नुकसान का मुआवज़ा मात्र दो रुपये तीस पैसे मिला है.
  • किसान मधुकर बाबुराव पाटील की धान की फसल बेमौसम बारिश से पूरी तरह नष्ट हो गई थी और चारा भी खराब हुआ था.
  • इस मामूली मुआवजे को किसान और स्थानीय लोग सरकार व बीमा कंपनियों की सहायता प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुंबई:

बेमौसम बारिश ने जहां महाराष्ट्र के किसानों की कमर तोड़ दी है, वहीं पालघर जिले के वाडा तालुका के शिलोत्तर गांव के एक किसान को मिला मुआवज़ा इन दिनों चर्चा में है. इस मुआवजे को किसान बीमा कंपनी और सरकार द्वारा किया गया क्रूर मज़ाक और जख्म पर नमक छिड़कने जैसा बता रहे हैं. दरअसल पालघर जिले में किसान को फसल नुकसान के मुआवजे के तौर पर सिर्फ 2 रुपये 30 पैसे मिलने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. 

ये भी पढ़ें- शादी में थूककर तंदूरी रोटी बनाने की घिनौनी हरकत, VIDEO देख लोगों ने काटा बवाल

किसान को केवल 2 रुपये 30 पैसे की सहायता राशि

इस घटना ने बीमा कंपनियों और सरकारी सहायता प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस किसान को केवल 2 रुपये 30 पैसे की सहायता राशि मिली है, जो कि हैरान करने से ज्यादा मजाक जैसी है. यह घटना पालघर के वाडा तालुका स्थित शिलोत्तर गांव के किसान मधुकर बाबुराव पाटील के साथ हुई है. 

पीड़ित किसान मधुकर बाबूराव पाटिल का दावा है कि वाडा तालुका के शिलोत्तर गांव में बेमौसम और लगातार हुई बारिश से उनकी धान की फसल पूरी तरह से पानी में डूबकर सड़ गई. यहां तक कि पशुओं के चारे के लिए रखा गया पराली भी काला पड़ गया, जिससे उनका संकट और गहरा गया.

किसान का कहना है कि हमारा बहुत नुकसान हुआ है. हमारी धान की फसल का सब कुछ चला गया. अब हमारा कोई साथ समर्थक नहीं है, इसलिए सरकार को कुछ तो देना चाहिए, नुकसान भरपाई देनी चाहिए, बीमा देना चाहिए.

जिला कृषि अधिकारी बोले- यह तकनीकी गड़बड़ी

पालघर के जिला कृषि अधिकारी नीलेश भागेश्वर का कहना है कि किसान को मिले मुआवजे का जांच की गई है. पता चला कि संबंधित किसान को जो राशि जमा हुई है, वह कुल मिलाकर उनके बीमा किस्त के तहत थी. उन्हें खरीफ 2023 के धान के नुकसान के लिए फसल बीमा में ₹72,466 की कुल नुकसान भरपाई (मुआवजा) मिलनी थी. उस समय (मई 2024 में), उन्हें 72,464 जमा हो चुके थे. कुछ तकनीकी गड़बड़ी (तकनीकी अड़चन) के कारण 2.30 पैसे उन्हें 31.10.2025 (31 अक्टूबर 2025) को जमा हुए हैं. 

Advertisement

यह जानकारी उन्होंने खुद किसान को दी है. उनकी क्षेत्रीय टीम ने किसान के पास जाकर पूरी जानकारी समझा चुकी है. 2.30 पैसे दिया जाना तकनीकी गड़बड़ी के कारण हो सकता है. इसमें तकनीकी गड़बड़ी का विषय बस इतना ही है, क्योंकि उन्हें कुल नुकसान भरपाई ₹72,466 थी, और ₹72,464 पहले ही मई 2024 में जमा हो चुकी थी. हो सकता है तकनीकी इश्यू के कारण ₹2.30 पैसे रुके हों, जो परसों जमा हुए हैं.

किसानों को मिले इस मुआवजे पर सियासत तेज

बता दें कि मधुकर पाटिल, उनकी पत्नी और  बेटियों के नाम पर करीब 11 एकड़ ज़मीन है. बीमा कंपनी के इस मुआवजे पर सियासी प्रतिक्रियाएं भी तेज हैं. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में अपनी प्रेस वार्ता में इस मुद्दे को उठाया और कहा कि यह एक मज़ाक है कि पालघर के किसानों को फसल बीमा मुआवजे के तौर पर केवल दो रुपये और कुछ पैसे मिले हैं.

Advertisement

ऋण माफ़ी की घोषणा की मांग

उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार से तत्काल ऋण माफ़ी की घोषणा करने और प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की सहायता प्रदान करने की मांग की है. यह घटना किसानों की चिंता बढ़ा रही है कि बीमा कंपनियों और सरकारी सहायता योजनाओं के तहत किसानों को मिलने वाली मदद का आकलन क्या सही ढंग से नहीं हो रहा है. 

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: वर्चस्व, विरासत और बाहुबल, कितने बाहुबली आजमा रहे ताकत? | Anant Singh