कांग्रेस छोड़कर अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल होने वाले जीशान सिद्दीकी बांद्रा पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहा है. साल 2019 में जीशान सिद्दीकी इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े और विधायक बने थे. आज नामांकन दाखिल करने से पहले जीशान ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि ये चुनाव पिता के बिना लड़ना बहुत कठिन है. पिता चले गए, दल बदल गया. सबकुछ इतना जल्दी हुआ कि मुझे सोचने का समय भी नहीं मिल पा रहा है. मेरे पिता के जाने के बाद मैंने बहुत लोगों के चेहरे बदलते देखे हैं. उन्होंने आगे कहा कि आदित्य ठाकरे मेरे अच्छे दोस्त हैं. वर्ली सीट के लिए उनको शुभकामनाएं. उनके ममेरे भाई वरुण सरदेसाई मेरे ख़िलाफ़ मैदान में हैं. लेकिन बड़ी चुनौती नहीं है. जनता और उनका प्यार मेरे साथ.
पिता को कोई धमकी नहीं मिली थी
जीशान सिद्दीकी ने आगे कहा कि मेरे पिता ग़रीबों को बचाने में चले गए. लॉरेंस बिश्नोई एंगल ना जाने क्यों आगे बढ़ाया गया है. कोई धमकी नहीं मिली थी. जांच सही दिशा में जानी चाहिए, मुझे नहीं पता किसने सुपारी दी, लेकिन उन्हें कोई धमकी नहीं मिली थी.
बता दें जीशान सिद्दीकी महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंचने वाले युवा विधायक थे. साल 2021 में उन्हें युवा कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनाया गया था. सब कुछ ठीक चल रहा था. वह अपनी विधानसभा में सभी को साथ लेकर चल रहे थे. लेकिन, जब नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उनका टिकट काट लिया गया तो वह नाराज हो गए.
जीशान ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर कि थी उन्होंने लिखा था, "सुना है पुराने दोस्तों ने बांद्रा पूर्व में अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है, साथ निभाना तो कभी इनकी फितरत में था ही नहीं. रिश्ता उसी से रखो जो इज्जत और सम्मान दें, मतलब की भीड़ बढ़ाने का कोई फायदा नहीं. अब फैसला जनता लेगी."
महाराष्ट्र की राजनीति में दिग्गज नेता रहे बाबा सिद्दीकी की हाल ही में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है.
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